बक्सर : गोलंबर से लेकर एनएच 84 पर दो किलोमीटर की दूरी तक बालू-गिट्टी का कारोबार सड़क पर होता है. वर्षों से चल रहे इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए न सिर्फ जिला प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है, बल्कि औद्योगिक थाना की पुलिस भी कारोबारियों पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रही है. नतीजा […]
बक्सर : गोलंबर से लेकर एनएच 84 पर दो किलोमीटर की दूरी तक बालू-गिट्टी का कारोबार सड़क पर होता है. वर्षों से चल रहे इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए न सिर्फ जिला प्रशासन निष्क्रिय बना हुआ है, बल्कि औद्योगिक थाना की पुलिस भी कारोबारियों पर कोई अंकुश नहीं लगा पा रही है. नतीजा बालू-गिट्टी का अवैध व्यवसाय फल फूल रहा है.
वहीं, एनएच 84 पर बालू पसर जाने से रोज कोई ना कोई बाइकचालक गिर कर चोटिल होता है़ इतना ही नहीं कई बार तो लोगों जान इस सड़क पर बालू से फिसल की चली गयी है़ वहीं, किसी भी व्यवसायी के पास नहीं स्टॉकिस्ट का लाइसेंस और न ही विभाग से व्यवसाय की कोई अनुमति. सेल टेक्स विभाग की नजरों से बच कर लाखों का कारोबार प्रतिदिन होता है. जानकारी के अनुसार कोइलवर से बालू और अन्य स्थानों से गिट्टी लाकर एनएच के किनारे कारोबारी गिरा देते हैं और फिर वहीं से बिक्री करते हैं. बालू को भरौली के पुल से छोटी गाडि़यों में यूपी भेज कर चौगुनी राशि भी कारोबारी कमाते हैं.
वीर कुंवर सिंह सेतु पर फिलहाल भारी वाहनों का परिचालन बंद है और उन्हें रोकने के लिए सेतु के दोनों छोरों पर लोहे के बैरियर लगे हैं. बावजूद इसके कारोबारी अवैध तरीके से छोटी गाडि़यों में अथवा डाला काट कर ट्रकों को बलिया भेज रहे हैं और बालू-गिट्टी की दुगनी-तिगुनी कीमत लेते हैं.
बिना लाइसेंस चल रहा कारोबार
अवैध बालू-गिट्टी के कारोबार से न सिर्फ उस क्षेत्र में जाम की समस्या रहती है, बल्कि सड़क के दोनों ओर बड़े-बड़े गड्ढे भी बन गये हैं. बालू गिरे रहने के कारण बाइकचालक प्रतिदिन गिर कर चोटिल भी होते हैं. सड़क पर कारोबार होने से भीड़ रहती है और बड़ी गाडि़यां चलने से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है. इस संबंध में सड़क के किनारे व्यवसाय करनेवाले लोगों के खिलाफ स्थानीय लोग आवाज नहीं उठा पाते, जिसके कारण कारोबार दिन-रात फल-फूल रहा है. बालू-गिट्टी का कारोबार करनेवाले वैसे तो दर्जनों लोग हैं, मगर किसी के पास खरीद-बिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है. इन लोगों की संख्या का आंकड़ा भी विभाग के पास नहीं है और न ही इनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई की गयी है.
लाइसेंस लेना होगा कारोबारियों को
खनन विभाग के अनुसार सभी कारोबारियों को स्टॉकिस्ट का लाइसेंस लेना होता है और सेल टैक्स विभाग की भी औपचारिकता पूरी करनी होती है. सड़क के किनारे की जमीन का ब्योरा देना पड़ता और जमीन की रसीद भी देनी होती है. इसके साथ ही वोटर आइडी कार्ड के साथ पैन कार्ड आदि जमा कर आवेदन देना होता, लेकिन बता दें कि कोई भी कारोबारी इन प्रक्रियाआें से गुजर कर लाइसेंस प्राप्त नहीं किया है. इस तरह इन अवैध बालू-गिट्टी के कारोबारियों पर प्रशासन कानूनी कार्रवाई कर सकती है.