बक्सर : रेलवे यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है,लेकिन बुधवार को हुई घटना से रेलवे के इन दावों पर सवालिया निशान खड़ा हो गया. दरअसल बुधवार को गुवाहाटी से दिल्ली की ओर जाने वाली 14055 ब्रह्मपुत्रा एक्सप्रेस ट्रेन के बोगी संख्या 11 के सीट संख्या 41 पर एक फौजी की मौत चलती ट्रेन में हो गयी, लेकिन रेलवे को तत्काल सूचना रहने के बाद भी यात्री के मौत के लगभग साढ़े से तीन घंटे बीतने के बाद भी उसे ट्रेन से नहीं उतारा गया.
आलम यह रहा है कि फौजी का शव मोकामा स्टेशन से बक्सर पहुंच गया. इस बीच मोकामा, पटना,आरा समेत अन्य स्टेशनों पर ट्रेन रूकी, लेकिन रेलवे ने कोई कार्रवाई नहीं की.जबकि इसकी सूचना रेलवे के अधिकारियों को थी.बक्सर जीआरपी को घटना की खबर मिलते ही ट्रेन से यात्री का शव उतारा गया और उसके परिजनों को इसकी सूचना दी गयी. मृत फौजी असम के करुप जिला के हाजो गांव निवासी सीआरपीएफ के जी/53 बटालियन में हवलदार उद्वब कमलाकर गुवाहाटी से दिल्ली जा रहा था, तभी जब ट्रेन क्यूल स्टेशन पहुंची, तो फौजी की मौत हो गयी.इसकी जानकारी बगल के सीट संख्या 42 के शफीकुल इस्लाम व सीट संख्या 43 शमीना पति शहाबुद्दीन ने दी. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उक्त फौजी भागलपुर स्टेशन के समीप काफी बेचैन था और शराब पी रहा था,तभी जमालपुर में उसकी तबीयत खराब होने लगी.
तबीयत खराब देख इसकी सूचना यात्रियों ने क्यूल स्टेशन मास्टर को दी, जिसपर स्टेशन मास्टर ने कहा कि फौजी का इलाज मोकामा स्टेशन पर हो जायेगा, लेकिन फौजी की मौत मोकामा पहुंचने के पहले हो गयी.लेकिन, शव को मोकामा में भी किसी ने नहीं उतारा और ऐसे ही शव चलती ट्रेन में मोकामा से बक्सर पहुंच गया. हालांकि पटना जंकशन में गार्ड व टीटीइ सुनील चौधरी को भी यात्रियों ने शव के बारे में जानकारी दी,लेकिन फिर भी शव को कोई सुध लेनेवाला नहीं था. हाल यह रहा कि ट्रेन में साढ़े तीने घंटे तक शव सीट संख्या 41 पर पड़ा रहा.