बक्सर/चौसा : पवनी कमरपुर हाॅल्ट पर दो साल पहले छह जनवरी 2013 को गुमटी खुला रहने व घना कोहरे के चलते एक ट्रैक्टर जोगबनी एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी. इससे पहले 1972 में अप्रैल माह में रोहतास जिला से एक ट्रैक्टर दर्जनों लोगों को सतुआनी मेला बक्सर […]
बक्सर/चौसा : पवनी कमरपुर हाॅल्ट पर दो साल पहले छह जनवरी 2013 को गुमटी खुला रहने व घना कोहरे के चलते एक ट्रैक्टर जोगबनी एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हुई थी. इससे पहले 1972 में अप्रैल माह में रोहतास जिला से एक ट्रैक्टर दर्जनों लोगों को सतुआनी मेला बक्सर गंगा स्नान कराने ले जा रहा था,
तभी इसी जगह पर ट्रैक पार करते समय ट्रैक्टर एक ट्रेन की चपेट में आ गया था, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गयी थी. सभी यात्री रोहतास जिले के थे. उस समय गुमटी का दक्षिणी गेट खराब था और उतरी गेट ठीक था,
जिसके कारण ट्रैक्टर अंदर तो आ गया, मगर दक्षिणी गेट से बाहर नहीं निकल सका और ट्रेन यात्रियों को काटती हुई आगे निकल गयी थी. तीसरी घटना रविवार 13 दिसंबर को घटी, जिसमें ट्रैक्टर का एक मात्र सह चालक राकेश कुमार सिंह ही घायल हुआ और ड्राइवर की जान बच गयी. यात्रियों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
गांवों में यात्रियों ने गुजारा वक्त
गौहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद ट्रेन में सवार हजारों यात्रियों को करीब पांच घंटे तक गांवों में जाकर समय गुजारना पड़ा़ दूर-दराज से सफर करनेवाले यात्रियों इस दौरान गांववालों ने जक कर खातिरदारी की़ वहीं,
परिचालन ठप रहने के कारण यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ा़ पटना से बाड़मेड़ जा रहे यात्री रवि रंजन कुमार ने बताया कि जब गाड़़ी के साथ हादसा हुआ, उस समय उन्हें तेज आवाज सुनाई दी, पर कुछ भी आभाष नहीं हुआ. जब गाड़ी रूकी, तो लोगों की हलचल देख हमलोगों को पता चला की कोई हादसा हुआ है़