बक्सर कोर्ट : बक्सर व्यवहार न्यायालय परिसर में बंदरों की उत्पात से अब लोगों को जल्द ही निजात मिलने की उम्मीद है. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इसे बड़ी समस्या मानकर लोगों को निजात दिलाने के लिए आदेश दिया गया, जिसके आलोक में व्यवहार न्यायालय ने जिला पदाधिकारी को वन विभाग से मिल कर कोर्ट परिसर […]
बक्सर कोर्ट : बक्सर व्यवहार न्यायालय परिसर में बंदरों की उत्पात से अब लोगों को जल्द ही निजात मिलने की उम्मीद है. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इसे बड़ी समस्या मानकर लोगों को निजात दिलाने के लिए आदेश दिया गया,
जिसके आलोक में व्यवहार न्यायालय ने जिला पदाधिकारी को वन विभाग से मिल कर कोर्ट परिसर को बंदर मुक्त परिसर कराने की दिशा में कार्य करने को कहा है.बताते चलें कि बक्सर व्यवहार न्यायालय में बंदरों की तादात हजारों में पहुंच गयी है तथा उनके द्वारा ताबड़तोड़ एक के बाद एक कई घटनाओं को अंजाम दिया गया, जिसमें निमेज पांडेयपुर के रहनेवाले अधिवक्ता प्रभाकर पांडेय के कान को सिर से काट कर अलग फेंक देने की घटना भी शामिल है.
अपने को सुरक्षित करने में लगा फोरम
ऐसा नहीं है कि बंदरों की समस्या बक्सर व्यवहार न्यायालय परिसर तक सीमित है, बल्कि उनका उत्पात समाहरणालय, उपभोक्ता फोरम के अलावा आसपास के घरों तक देखने को मिलता है.व्यवहार न्यायालय के बगल में एवं समाहरणालय के मुख्य द्वार पर बने जिला उपभोक्ता फोरम भी बंदरों के आतंक से महफूज नहीं है. गौरतलब हो कि विगत दिनों बंदरों ने फोरम के कर्मचारियों पर अचानक हमला कर दिया था,
जो किसी तरह भाग कर न्यायालय कक्ष में दरवाजे को बंद कर अपने को सुरक्षित किये. उस वक्त किसी मामले की सुनवाई भी की जा रही थी. बंदरों के बढ़ते आतंक के कारण फोरम के बरामदे को ग्रिल लगा कर सुरक्षित किया जा रहा है. इस संबंध में फोरम में कार्यरत उमाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि बंदरों के चलते फोरम के जरूरी कागजात भी सुरक्षित नहीं हैं.इसीलिए ग्रिल लगाने का निर्णय लिया गया है.
बंगाल पुलिस पहुंची बक्सर