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तीसरे दिन भभुवर पहुंच दही-चूड़ा खाया भक्तों ने

बक्सर : पंचकोसी परिक्रमा के श्रद्धालुओं का जत्था तीसरे दिन भार्गव ऋषि के आश्रम वर्तमान में भभुवर गांव पहुंचा, जहां भार्गव सरोवर में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा कर सरोवर के दक्षिणी भाग में स्थित भगवान शिव की पूजा अर्चना की. उसके बाद श्रद्धालु श्रद्धा भाव से भभुवर स्थित भार्गव सरोवर का परिक्रमा किये. परिक्रमा के […]

बक्सर : पंचकोसी परिक्रमा के श्रद्धालुओं का जत्था तीसरे दिन भार्गव ऋषि के आश्रम वर्तमान में भभुवर गांव पहुंचा, जहां भार्गव सरोवर में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा कर सरोवर के दक्षिणी भाग में स्थित भगवान शिव की पूजा अर्चना की. उसके बाद श्रद्धालु श्रद्धा भाव से भभुवर स्थित भार्गव सरोवर का परिक्रमा किये.

परिक्रमा के बाद प्रसाद रूप में श्रद्धालु चूड़ा-दही ग्रहण कर भगवान के ध्यान में दिन भर डूबे रहे. साथ ही सिद्धाश्रम, व्याग्रसर पंचकोसी परिक्रमा समिति से जुड़े श्रद्धालु भी इस परिक्रमा को पूरा किये.इस अवसर पर बसांव मठाधीश्वर एवं सीताराम विवाह आश्रम के महंत श्री राजाराम शरण जी तथा अन्य अनुयायी शामिल थे.

यात्रा में शामिल हैं सैकड़ों संत

पंचकोसी परिक्रमा में प्रतिवर्ष सैकड़ों की संख्या में साधु-संत शामिल होते हैं. साधु समाज के रहने, खाने व सुगमतापूर्वक गमन के गाड़ी का भी प्रबंध बसांव मठ द्वारा किया गया है.

चूड़ा-दही का प्रसाद किया ग्रहण

भभुवर में भार्गव ऋषि के आश्रम पर श्रीराम को भोजन रूप में चूड़ा-दही खिलाया गया था. उसी मान्यता के अनुसार पंचकोसी के दौरान भभुवर में तीसरे दिन बुधवार को भक्तों ने चूड़ा-दही का प्रसाद ग्रहण किया.

सजी रही चाट-जलेबी की दुकानें

पंचकोसी परिक्रमा के साथ जलेबी,चाट एवं मीना बाजार भी साथ-साथ चल रहा है. देर रात्रि के बाद ये व्यवसायी अपने व्यवसाय के साथ अगले पड़ाव की तरफ कूच कर जा रहे हैं. भभुवर में श्रद्धालुओं के साथ आसपास के लोग मेला घूमने के लिए उमड़ पड़े थे. खाने-पीने के सामान की दुकानों पर भीड़ देखने को मिल रही है.

ये है मान्यता

तीसरे पड़ाव भभुवर की मान्यता के संबंध में श्रीराम कथा वाचक डॉ रामनाथ ओझा कहते हैं कि भभुवर में प्रभु श्री राम को प्यास लगी थी, उसी समय लक्ष्मण ने अपने वाण से सरोवर का निर्माण किया. जिसमें प्रभु श्रीराम की प्यास की तृप्ति की गयी थी. उसी मान्यता के अनुसार पंचकोसी के दौरान भार्गव सरोवर में डुबकी लगा कर दक्षिणी भाग में स्थित भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है तथा सरोवर की परिक्रमा की जाती है. इससे श्रद्धालुओं को सुख-शांति एवं समृद्धि की प्राप्त होती है.

आज चौथा पड़ाव नुआंव में

पंचकोसी परिक्रमा का चौथा पड़ाव गुरुवार को नुआंव में होगा, जहां उदालक ऋषि के आश्रम में श्रद्धालु सत्तू और मूली प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे.

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