डुमरांव : तीन दिवसीय छठपूजा का अनुष्ठान रविवार से ही प्रारंभ हो गया है. अनुष्ठान प्रारंभ होने के साथ ही घर-घर में छठ मइया के पारंपरिक गीत बजने लगे हैं. छठ गीतों के साथ वातावरण छठमय हो गया है. मंगलवार को छठव्रती नगर के विभिन्न छठ घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ अर्पित करेंगे. सोमवार […]
डुमरांव : तीन दिवसीय छठपूजा का अनुष्ठान रविवार से ही प्रारंभ हो गया है. अनुष्ठान प्रारंभ होने के साथ ही घर-घर में छठ मइया के पारंपरिक गीत बजने लगे हैं. छठ गीतों के साथ वातावरण छठमय हो गया है.
मंगलवार को छठव्रती नगर के विभिन्न छठ घाटों पर डूबते सूर्य को अर्घ अर्पित करेंगे. सोमवार की सुबह से छठिया पोखरा, नया तालाब, राम सूरत राय का पोखरा, कांव नदी एवं जंगली नाथ मंदिर के तालाबों पर व्रतियों के परिजन मिट्टी से बने घाटों की सफाई की़ सोमवार को व्रतियों ने लौकी, चावल, चना दाल और शाम में खरना को लेकर गुड़ से मिश्रित खीर बना कर प्रसाद ग्रहण किया़ वहीं,
नगर की मंडियों में चहल-पहल बनी हुई है. फल से सजी दुकानों पर खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है.मन्नत को लेकर कई महिलाओं ने रात्रि पहर घरों के आंगन में पांच ईखों को खड़ा कर कोसी भरायी की परंपरा का निर्वहन करेंगी. साथ ही आसपास की महिलाएं एकत्र होकर सामूहिक रूप से छठ गीत से वातावरण भक्तिमय हो गया है़
छठिया पोखर में उतरने के लिए बना सीढ़ी
नप द्वारा पोखर में उतरने को लेेकर जगह-जगह बैरिकेडिंग कर पहली बार सीढ़ी बनायी गयी है, ताकि छठव्रतियों को पोखर में उतर कर अर्घ देने में परेशानी न हो़ इस बाबत नप चेयरमैन ने बताया कि शहर के सभी पोखर घाटों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि शहर की लगभग सभी सड़कों की सफाई का कार्य मंगलवार की शाम तक चलता रहेगा़ सड़कों पर पानी छिड़काव के साथ पाउडर का छिड़काव किया जायेगा़
पवित्रता भरा है यह महापर्व : बक्सर. लोक आस्था का यह महापर्व कठिन साधना का पर्व है. महिलाएं खरना के दिन खाने-पीने के बाद लगभग 36 घंटे का निर्जला उपवास करतीं हैं. यह महापर्व पवित्रता भरा होता है. प्रसाद की खरीदारी से लेकर प्रसाद रखने के बरतन व पात्र पूर्णत: स्वच्छ रखा जाता है. महापर्व को अर्घ देने व घाटों पर ले जाये जानेवाले बरतन नये होते हैं.