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सिलिंडरों की हो रही कालाबाजारी

संवाददाता,बक्सर भले ही आपको अपने किचन के लिए घरेलू गैस सिलिंडर मिलने में परेशानी हो सकती है. लेकिन शहर के होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों और ठेलों पर घरेलू गैस सिलिंडरों का उपयोग आसानी से करते देखा जा सकता है. घरेलू गैस सिलिंडरों की कालाबाजारी का खेल शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है. इस खेल […]

संवाददाता,बक्सर

भले ही आपको अपने किचन के लिए घरेलू गैस सिलिंडर मिलने में परेशानी हो सकती है. लेकिन शहर के होटल, रेस्टोरेंट, ढाबों और ठेलों पर घरेलू गैस सिलिंडरों का उपयोग आसानी से करते देखा जा सकता है. घरेलू गैस सिलिंडरों की कालाबाजारी का खेल शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है. इस खेल में एजेंसी, दुकानदार, डिलिवरी करने वाले वेंडर की अहम भूमिका रहती है. खासकर लोगों को गैस सिलिंडर मिलने में परेशानी त्योहार व लगन में होती है. इन दिनों लोगों को गैस सिलिंडर मिलने में महीनों का समय लग रहा है. लोगों को गैस सिलिंडर के लिए एजेंसी का चक्कर लगाना पड़ रहा है. बुधवार के दिन भी भारत गैस एजेंसी पर गैस सिलिंडर लेने के लिए उपभोक्ताओं की भीड़ लगी रही. वहीं, इंडेन गैस वेंडरों से उपभोक्ताओं की कई जगहों पर नोक झोंक भी होती रही. एक अनुमान के मुताबिक दोनों एजेंसियों में उपभोक्ताओं की संख्या करीब 25 हजार है. उपभोक्ताओं का मानना है कि गैस एजेंसी कम गैस सिलिंडर की आपूर्ति कर रहे हैं. जिसके कारण समस्या विकट बनी हुई है.

वेंडर निभाते हैं मुख्य भूमिका

गैस सिलिंडरों की कालाबाजारी में गैस वेंडरों का मुख्य रोल है. एजेंसियों से सिलिंडर लेने के बाद दुकानों, रेस्टोरेंट, होटल समेत कई प्रतिष्ठानों तक उसे पहुंचाने का काम एक बिचौलिये की तरह गैस वेंडर करता है. गैस वेंडरों की स्थानीय दुकानदारों से सांठगांठ होती है. डिलिवरी के बाद ये अपनी जेब मोटी रकम लेकर गरम करते हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व में कई बार प्रशासन की छापामारी में दर्जनों गैस सिलिंडर जब्त हो चुका है. सूत्रों के अनुसार गैस वेंडरों के कारण बाजार में सिलिंडरों की कालाबाजारी बढ़ गयी है. ये गैस वेंडर डिलिवरी वाले सिलिंडर को भी मोटी रकम लेकर बेच देते हैं.

कालाबाजारी के खेल में रुचि ले रहे हैं युवा

सिलिंडरों से मिलने वाली मोटी रकम की लालच में युवाओं का ध्यान आकर्षित हो रहा है. एक दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कालाबाजारी के खेल में वेंडर के अलावा शहर के युवा साइकिल पर तीन सिलिंडर लेकर इसे मोटी रकम में ब्लैक कर देते हैं. खुलासे में यह बात सामने आयी कि ये साइकिल वेंडर एक जगह पर कई सिलिंडर को एकत्रित करते हैं और उचित समय देख इसकी कालाबाजारी करते हैं. जिससे उन्हें प्रति सिलिंडर पर 500 से 700 रुपये तक का मुनाफा होता है. गैस कंपनी के मुताबिक उपभोक्ता साल में 9 सब्सिडी वाला सिलिंडर उठा सकता है. ऐसे में कई ऐसे परिवार हैं, जिनमें सदस्यों की संख्या कम होने या किसी परिवार के पास गैस कनेक्शन ज्यादा होने से, इन्हें कालाबाजारी करने वाले कुछ पैसा देकर इनके नाम पर सिलिंडर उठा कर इसकी कालाबाजारी करते हैं.

वाहनों में हो रहा है उपयोग

शहर में कई वाहन अवैध तरीके से गैस सिलिंडर का उपयोग कर रहे हैं. हालांकि गैस कीट वाले चारपहिया वाहनों के लिए विशेष तरह का सिलिंडर प्रयोग किया जाता है, लेकिन घरेलू गैस सिलिंडर सस्ता होने के कारण वाहन मालिक घरेलू गैस सिलिंडर का प्रयोग ज्यादा करते हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है. प्रशासन की उदासीनता के कारण रोजाना शहर में घरेलू गैस सिलिंडर से चलने वाली गाड़ियां दौड़ रही है.

उपभोक्ता ने की मांग

नगर के शांतनु झा, सरफराज अंसारी, सतीश वर्मा, लखन प्रसाद, अशोक भारद्वाज एवं आदिल अख्तर ने कहा कि एजेंसी की उदासीनता के कारण गैस सिलिंडर की कालाबाजारी चरम पर है. हर कोई इससे परेशान हैं. वेंडरों के लेन देन की जांच पड़ताल होनी चाहिए. ताकि उनकी अपनी जिम्मेवारी का अहसास हो सके. डिलिवरी के सिलिंडर को भी वेंडर दूसरे को मोटी रकम में बेंच देते हैं. जिसका हिसाब एजेंसी के अधिकारियों को लेना चाहिए. उपभोक्ताओं ने जिला प्रशासन से गैस सिलिंडर की हो रही किल्लत को दूर कराने की मांग की है.

क्या कहते हैं अधिकारी

छापामारी के लिए गठित होगी टीम : एसडीओ

अनुमंडल पदाधिकारी अवधेश आनंद ने बताया कि शीघ्र ही एक टीम गठित कर गैस सिलिंडर कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए विभिन्न स्थानों पर छापामारी की जायेगी.

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