परिजनों की रोते-रोते पथरायीं आंखें
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पल भर में बुझ गये दो घरों के चिराग
परिजनों की रोते-रोते पथरायीं आंखें मुसाफिरगंज में पसरा मातमी सन्नाटा बक्सर : सेंट्रल जेल के निकट गंगा नदी स्थित सिपाही घाट पर डूब कर मरनेवाले दोनों युववक घर के एकलौते चिराग थे. इन दोनों की मौत ने मुसाफिरगंज के लोगों को विचलित कर दिया है. लक्ष्मण यादव का पुत्र दिपेंद्र कुमार उर्फ बबुआ जहां जेनेरेटर […]
मुसाफिरगंज में पसरा मातमी सन्नाटा
बक्सर : सेंट्रल जेल के निकट गंगा नदी स्थित सिपाही घाट पर डूब कर मरनेवाले दोनों युववक घर के एकलौते चिराग थे. इन दोनों की मौत ने मुसाफिरगंज के लोगों को विचलित कर दिया है.
लक्ष्मण यादव का पुत्र दिपेंद्र कुमार उर्फ बबुआ जहां जेनेरेटर मिस्त्री था और पूरे घर की जीविका चलाता था. वहीं, इसके पिता लक्ष्मण यादव भी अपने जमाने के अच्छे मिस्त्री रहे हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जिस समय घटना घटी उस समय नशे में युवक थे. गंगा में जैसे ही कुमार मलय पिता मजीद आलम ने छलांग लगायी, वैसे ही वह बालू की रेत में धसने लगा.
उसको बचाने गया दिपेंद्र कुमार उर्फ बबुआ वह भी बचाने के क्रम में धसने लगा. इन दोनों को बचाने में दो और साथी लगे, मगर उन्हें बचा नहीं पाये. गंगा घाट पर रहनेवाले लोगों ने उनके दो साथियों को बचा लिया, मगर बाकी दो साथियों ने बालू में धस कर दम तोड़ दिया.
मातम में डूबा मजीद आलम का परिवार : मुसाफिरगंज मुहल्ले में मजीद आलम का एकलौता बेटा 30 वर्षीय कुमार मलय उर्फ लुट्टू घर का एकलौता चिराग था, जिसके कारण वह लोगों का चहेता था.
उसके घर पर उसेसके मां और पिता का रोते-रोते बुरा हाल है. कोई मेरे लाडले को कहीं से ले आये, उसके बिना कैसे जिऊंगी यह कह कर उसकी मां बार-बार बेहोश हो जा रही है.
घटनास्थल पर मंगलवार की देर शाम लुट्टू की बहन बार-बार अधिकारियों से यही कह रही थी कि भाई को किसी तरह बचा लीजिए. अपने नाती की मौत की खबर सुन कर उसकी नानी की तबीयत भी बिगड़ गयी है. गोताखोरों ने स्थानीय लोगों की मदद से दिन के उजाले में बुधवार को लुट्टू का शव निकाला.
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