संवाददाता, बक्सर
शिक्षकों व ग्रामीणों के बीच उत्पन्न तनाव के कारण बुधवार को पांचवें दिन भी विद्यालय में ताला झूलता रहा. शिक्षकों व प्रधानाध्यापक के विद्यालय नहीं पहुंचने के कारण बुधवार को कक्षा नौ व कक्षा 10 के छात्रों की होने वाली परीक्षा भी स्थगित हो गयी. सदर प्रखंड के बरूना गांव स्थित मध्य सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शिक्षकों व ग्रामीणों के बीच चले आ रहे तनाव के कारण पिछले पांच दिनों से विद्यालय में शिक्षण कार्य ठप पड़ा हुआ है. दो पालियों में संचालित होने वाले इस विद्यालय में छात्र प्रतिदिन विद्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन शिक्षकों के विद्यालय नहीं आने के कारण पठन-पाठन का कार्य ठप पड़ा हुआ है. एक मात्र प्रधानाध्यापक अशोक कुमार पांडेय विद्यालय आ रहे हैं. बुधवार को जिला मुख्यालय में प्रधानाध्यापकों की विभागीय बैठक में शामिल होने के कारण प्रधानाध्यापक भी विद्यालय नहीं पहुंचे, जिसके कारण बुधवार को विद्यालय पूरी तरह सन्नाटे में डूबा रहा. बरूना गांव स्थित मध्य सह उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षकों के विलंब से पहुंचने के कारण ग्रामीणों का गुस्सा खुल कर सामने आया. ग्रामीणों ने शनिवार को शिक्षकों को विद्यालय से बाहर कर विद्यालय में तालाबंदी कर दी. सोमवार को पंचायत की मुखिया लक्ष्मीना देवी ने 22 शिक्षकों की हाजिरी काट डाली. इसके बाद शिक्षकों व ग्रामीणों के बीच तनाव गहरा गया. विद्यालय में पदस्थापित शिक्षकों के विद्यालय नहीं जाने से पठन-पाठन पूरी तरह ठप हो गया है. बुधवार को कक्षा नौ व दस के 142 छात्रों की तिमाही परीक्षा होने वाली थी. शिक्षकों व प्रधानाध्यापक के विद्यालय नहीं आने के कारण परीक्षा स्थगित कर दी गयी. प्रधानाध्यापक ने बताया कि जिला मुख्यालय में विभागीय बैठक होने के कारण वे विद्यालय नहीं जा सके. उन्होंने बताया कि दशहरा के बाद छात्रों की परीक्षा ली जायेगी. पांच दिनों से विद्यालय में तालाबंदी की सूचना के बावजूद भी शिक्षा विभाग के अधिकारी इस ओर अपना रुख करने से बेखबर रहे. ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों व ग्रामीणों के बीच उत्पन्न तनाव के कारण दूरी बढ़ती जा रही है और गांव में शिक्षा का माहौल बिगड़ता जा रहा है. शिक्षकों ने बताया कि असुरक्षा के कारण सभी विद्यालय नहीं जा रहे हैं. भयभीत शिक्षक चाहते हैं कि इस समस्या का सम्मानजनक हल निकले.