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मेहनत से पायी इंटर में सफलता

व्यावहारिक ज्ञान से वंचित रहे छात्र प्लस टू विद्यालयों में नहीं है प्रैक्टिकल की व्यवस्था डुमरांव : प्रयोगशाला के बिना विज्ञान की बेहतर पढ़ाई की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. यह सच है कि नगर के सभी प्लस टू विद्यालयों में प्रयोगशाला और प्रायोगिक उपकरणों की घोर कमी है. ऐसे में इंटर साइंस […]

व्यावहारिक ज्ञान से वंचित रहे छात्र
प्लस टू विद्यालयों में नहीं है प्रैक्टिकल की व्यवस्था
डुमरांव : प्रयोगशाला के बिना विज्ञान की बेहतर पढ़ाई की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. यह सच है कि नगर के सभी प्लस टू विद्यालयों में प्रयोगशाला और प्रायोगिक उपकरणों की घोर कमी है.
ऐसे में इंटर साइंस के परिणाम घोषित होने के बाद जब प्रभात खबर की टीम ने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं से संपर्क साधा, तो उनके चेहरों पर बेबसी झलक रही थी. विद्यालयों में उपकरणों व रासायनिक पदार्थो से अंजान रहे छात्र-छात्राओं ने अपने मेहनत के बदौलत इंटर विज्ञान की परीक्षा में सफलता पायी है.
वैज्ञानिक अभिरुचि घटी : हाइस्कूल व प्लस टू स्तर के विद्यालयों में विज्ञान के छात्र-छात्राओं के लिये अलग से प्रायोगिक कक्षा का संचालन नहीं होता है. ऐसी स्थिति में उपकरण व केमिकल रंगों की जानकारी के अभाव में वैज्ञानिक बनने की अभिरुचि में भारी गिरावट आयी है. चाह कर भी विद्यार्थी विज्ञान में केवल किताबी ज्ञान के सहारे ऊंचा मुकाम हासिल करने में पिछड़ जाते हैं.
राशि के बाद भी नहीं खरीदे गये उपकरण : शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रत्येक साल विद्यालयों में प्रयोगशाला के उपकरण को लेकर 25 हजार की राशि मुहैया करायी जाती है, लेकिन यह राशि विद्यालय प्रशासन द्वारा अन्य मदों में खर्च की जाती है. छात्र बताते हैं कि परीक्षा के समय प्रैक्टिकल के नाम पर पैसा लेकर नंबर दिया जाता है.
क्या कहते हैं छात्र-छात्र
सोनी कुमारी : अनुमंडल टॉपर सोनी कुमारी ने बताया कि अपने मेहनत के बदौलत 81 फीसदी अंक पायी हूं. अगर प्रायोगिक कक्षाएं चलतीं, तो और अच्छे अंक मिलते.
नंदनी आदित्या : का कहना है कि प्रायोगिक कक्षा का कभी मुंह तक नहीं देखा. मेहनत से 78 फीसदी अंक लाने में सफल रही हूं.
अमृत राज : विद्यालय में प्रैक्टिकल होता, तो रासायनिक रंगों के बारे में जानकारी मिलती. मेहनत से 77 फीसदी अंक मिला है.
सुमन जायसवाल : परीक्षा की तैयारी में टीचर की कमी काफी खली है. अपने मेहनत से 74 फीसदी अंक प्राप्त किया हूं.
अभिषेक राज : सरकार को प्रयोगशाला की बेहतर व्यवस्था शुरू करनी चाहिए. किताबी ज्ञान से 75 फीसदी अंक मिला है.

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