दहशत : रतजगा कर रात बिताने को विवश हैं नया भोजपुर के ग्रामीण
डुमरांव : अनुमंडल के नया भोजपुर गांव में विगत दो दिनों से लंगूर बंदर के हमले से दर्जन भर ग्रामीण जख्मी हो गये हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीण पूरी रात जग कर रात बिताने पर विवश हैं. ग्रामीणों के बीच दहशत इस कदर व्याप्त है कि दूर से ही बंदर को देख खिड़की-दरवाजे बंद कर ले रहे हैं. अभिभावक दो दिनों से बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिये हैं. दिन में भी ग्रामीणों के हाथों में लाठी-डंडे दिखायी पड़ने लगे हैं.
अस्पताल में नहीं है सुई व दवा : जख्मी इलाज को लेकर उपस्वास्थ्य केंद्र नया भोजपुर पहुंचे, जहां मलहम-पट्टी कर अनुमंडल अस्पताल चिकित्सकों द्वारा रेफर कर दिया गया. अनुमंडल अस्पताल में भी एंटी रैबीज की सुई उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में घायलों के परिजन आक्रोशित हो गये और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जम कर भड़ास निकाले. अस्पताल प्रबंधक चंद्रशेखर आजाद कहते हैं कि पूरे जिले में भी सुई उपलब्ध नहीं है.
महंगे दामों में खरीदी सुई : घायलों के परिजन बताते हैं कि पीड़ितों के इलाज के लिए बाजार से एंटी रैबीज की सुई 315 से 400 रुपये तक की बिक रही है, जिसे मजबूरी बस खरीद कर घायलों को दिलाया गया. ग्रामीण फिरोज, अफगान, मोहित व राजा ने बताया कि अब सरकारी अस्पतालों से भरोसा उठ गया है. मजबूरी वश निजी अस्पतालों में इलाज कराया हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बंदर के हमले के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन व एसडीओ को खबर की गयी, लेकिन कोई मदद में नहीं पहुंचा है.
ये हैं जख्मी
दीनानाथ पांडेय, मो़ सलीम खान, रामाश्रय बीन, अंशू मिश्र, दिनेश मिश्र, सुनील कुमार, रामायण मिश्र, वशिष्ठ चौरी, नसीम मियां, पिंटू पांडेय, छठ्ठू यादव, राजनारायण मिश्र, इसराइल अंसारी, हरिनाथ पांडेय आदि.
क्या कहते हैं मुखिया
नया भोजपुर मुखिया मो अमीनुलहक कुरैशी की मानें, तो इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों सहित प्रशासनिक महकमा को सूचित किया गया है.