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जरूरत 25 मेगावाट की, मिल रही शहर को मात्र 12 मेगावाट बिजली

कोईरपुरवा मुहल्ले में 36 घंटे से अधिक समय तक गुल रही बिजली बक्सर :गरमी बढ़ने के साथ ही शहर में बिजली की स्थिति खराब होते जा रही है. निजी कंपनी सही रूप से विद्युत आपूर्ति बहाल करने में असफल साबित हो रही है. लोग गरमी से परेशान और हलकान हैं. फिर भी कंपनी विद्युत आपूर्ति […]

कोईरपुरवा मुहल्ले में 36 घंटे से अधिक समय तक गुल रही बिजली
बक्सर :गरमी बढ़ने के साथ ही शहर में बिजली की स्थिति खराब होते जा रही है. निजी कंपनी सही रूप से विद्युत आपूर्ति बहाल करने में असफल साबित हो रही है. लोग गरमी से परेशान और हलकान हैं. फिर भी कंपनी विद्युत आपूर्ति सुधरने का नाम नहीं ले रही.
शहर को बीस से 25 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, लेकिन इन दिनों करीब 10 से 12 मेगावाट ही बिजली मिल रही है. सूत्रों के अनुसार गरमी में विद्युत पावर की मांग बढ़ जाने से आपूर्ति पटना सीएलडी से ही कम हो जाती है, जिसके कारण शहरवासियों को गरमी में परेशानी उठानी पड़ रही है. विद्युत विभाग के निजीकरण होने के बाद लोगों को बेहतर आपूर्ति की आशा थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. मेंटेनेंस के नाम पर हर दिन बिजली काटी जा रही है और लोग परेशान हो रहे हैं.
24 घंटे बाद लगा नया ट्रांसफॉर्मर : कोइरपुरवा और नया बाजार में ट्रांसफॉर्मर जलने के 24 घंटे बाद नया ट्रांसफॉर्मर लगाया गया, लेकिन ट्रांसफॉर्मर के चार्ज नहीं होने के कारण शुक्रवार को देर शाम तक विद्युत आपूर्ति ठप रही है. इसके कारण इन दो मुहल्लों में 36 घंटे से अधिक समय तक विद्युत आपूर्ति ठप रही. ऐसे में लोगों को शुक्रवार की सुबह पेयजल के लिए परेशान होना पड़ा, तो वहीं, पूरे दिन व रात गरमी से परेशान रहें. संध्या में लोग छतों पर पहुंच कर गरमी से राहत पाते दिखे. घर में रखा पंखा व कुलर सब बेकार पड़े हैं. लोग गरमी से राहत पाने के लिए हाथ पंखा झलते रहें. गरमी से बुढ़ों और बच्चों को ज्यादा परेशानी हुई.
व्यवसाय पर पड़ रहा बुरा असर : बिजली नहीं रहने के कारण इसका सबसे बुरा असर व्यवसाय पर पड़ रहा है. लोहा ग्रिल दुकानदार को जेनेरेटर चलाकर काम करना पड़ रहा है. स्टेशन रोड के दुकान विजय शंकर सिंह ने बताया कि जेनेरेटर से काम करने के कारण अतिरिक्त खर्च का बोझ उठाना पड़ रहा है. इस खर्च को उत्पाद पर रख कर बिक्री भी नहीं की जा सकती. ऐसे में हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. दुकानदार बताते हैं कि एक माह में करीब पांच हजार रुपये का तेल जेनेरेटर पी जाता है. इसी बात को सब्जी मंडी के ग्रिल दुकानदार सुनील भी कहते हैं. वे कहते हैं कि विद्युत विभाग द्वारा कम विद्युत की आपूर्ति की जाती है, जिसके कारण अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है. वहीं, कार्य भी बाधित होता है.
लो वोल्टेज से परेशानी : शहर के कई मुहल्लों में लो वोल्टेज की भी समस्या है. बिजली रहते हुए भी लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं. लो वोल्टेज के कारण न इंवर्टर चार्ज होता है और न ही कोई विद्युत से संचालित होनेवाला उपकरण ही चल पाता है. खलासी मुहल्ला, हनुमान फाटक, सोहनी पट्टी, नालंबद टोली, सिविल लाइन समेत अन्य जगहों पर लो वोल्टेज के कारण परेशानी बनी हुई है.

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