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बाढ़ से कई इलाकों की स्थिति गंभीर

बक्सर: गंगा के जल स्तर में तेजी से हुई वृद्धि के कारण सोमवार को दियारा इलाका सहित शहर के कई भागों में बाढ़ का पानी फैल गया है. जल स्तर में वृद्धि के कारण लोगों के समक्ष जान-माल की सुरक्षा की समस्या गंभीर हो गयी है. दियारा इलाके में फंसे मवेशियों को नाव के सहारे […]

बक्सर: गंगा के जल स्तर में तेजी से हुई वृद्धि के कारण सोमवार को दियारा इलाका सहित शहर के कई भागों में बाढ़ का पानी फैल गया है. जल स्तर में वृद्धि के कारण लोगों के समक्ष जान-माल की सुरक्षा की समस्या गंभीर हो गयी है. दियारा इलाके में फंसे मवेशियों को नाव के सहारे सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कार्रवाई में ग्रामीण जुट गये हैं. बाढ़ से घिरे गांव के लोग परिवार और जरूरी सामान के साथ तटबंधों व ऊंचे स्थानों पर शरण लेने लगे हैं. हजारों एकड़ में लगी धान व सब्जी की खेती नष्ट हो गयी है. बाढ़ की स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती चली जा रही है. चौसा प्रतिनिधि के अनुसार, जल स्तर में वृद्धि के कारण बक्सर-कोचस मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने लगा है. चौसा प्रखंड की आठ पंचायतें बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं. अगर यही स्थिति रही, तो चौसा के रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस जायेगा. सबसे खराब स्थिति दियारा इलाके की है. इस इलाके में बाढ़ से घिरे किसानों व मजदूरों की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. दैनिक मजदूर रामनिवास राम ने बताया कि बाढ़ के कारण रोजगार नहीं मिल रहा है.

सहायक नदियों में उफान

डुमरांव: दियारांचल के गंगा नदी व धर्मावती नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण सहायक नदिया भी अपना तेवर बदल उफान पर पहुंच गयी है़ कठार पंचायत के दीया गांव के समीप बसे पेड़ा डेरा में रविवार की रात काव नदी का पानी प्रवेश करने से ग्रामीण भयवश गांव छोड़ ऊंचे टीले पर शरण लेने को विवश हो गये है़ं डेरा के उत्क्रमित विद्यालय में बाढ़ का पानी आने से विद्यालय का पठन-पाठन ठप हो गया है़

बाढ़ के पानी से खेतों में उगी फसल की भी बरबादी हुई है़ ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए मवेशी, परिवार संग ऊंचे टीले पर पहुंच तिरपाल लगा अपना जीवन बसर कर रहे हैं़ इस गांव के 200 लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है़ ग्रामीण जैसे-तैसे अपने पेट की आग बुझाने पर मजबूर है़ सबसे ज्यादा परेशानी जानवरों को हो रही है़ बड़ी नदियों के उफान से सहायक नदियां की भी जलस्तर में वृद्धि हुई है़ सहायक नदियों के जल स्तर बढ़ने से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल डूब गयी है़ ग्रामीण चोभन चौधरी, देवनाथ चौधरी, जयनारायण चौधरी, रामजी चौधरी, विशंभर चौधरी व पारस चौधरी ने बताया कि काव नदी के जल स्तर बढ़ने से बाढ़ का पानी गांव में प्रवेश कर गया़ भयवश माल-मवेशी को लेकर गांव के ऊंचे टीले पर शरण लेना पड़ा़

दूसरी ओर बंगाली बिंद, सूरज बिंद, काशी बिंद का कहना है कि बाढ़ के कारण रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है़ अभी तक सरकार द्वारा राहत सामग्री नहीं मिली़ विद्यालय के बंद होने से बच्चों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है़ बाढ़ के कारण आवागमन ठप है़ भय के कारण कोई गांव में नहीं जाना चाहता है़ ग्रामीण उंचे टीले पर रहने को विवश हंै़

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