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डीबीटीएल फॉर्म रिजेक्ट होने से लाखों रुपये का नुकसान
डीबीटीएल फॉर्म रद्द होने से ग्राहकों को अतिरिक्त परेशानी व रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. वहीं, गैर सब्सिडीवाला सिलिंडर ग्राहक लेने को बाध्य हो गये हैं. एजेंसियां ग्राहकों को से दो-दो बार फॉर्म जमा करा रही हैं. इससे ग्राहक परेशान हो गये हैं, लेकिन इनकी सुननेवाला कोई नहीं है. बक्सर : सब्सिडी गैस लेने […]
डीबीटीएल फॉर्म रद्द होने से ग्राहकों को अतिरिक्त परेशानी व रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. वहीं, गैर सब्सिडीवाला सिलिंडर ग्राहक लेने को बाध्य हो गये हैं. एजेंसियां ग्राहकों को से दो-दो बार फॉर्म जमा करा रही हैं. इससे ग्राहक परेशान हो गये हैं, लेकिन इनकी सुननेवाला कोई नहीं है.
बक्सर : सब्सिडी गैस लेने का वक्त अब खत्म होनेवाला है. मार्च माह के बाद उपभोक्ताओं को सिर्फ गैर सब्सिडीवाले सिलिंडर ही मिलेंगे और नियमानुसार सब्सिडी की राशि गैस एजेंसियां सीधे उपभोक्ताओं के एकाउंट में भेज देंगी, लेकिन सवाल यह है कि एजेंसियों द्वारा की जा रही लापरवाही के कारण हजारों उपभोक्ताओं को डीबीटीएल योजना से नहीं जोड़ा जा सका है.
ऐसे में उपभोक्ताओं को मजबूरन गैर सब्सिडीवाला सिलिंडर का उठाव करना पड़ रहा है. जबकि नियमानुसार मार्च माह तक सब्सिडी गैस सिलिंडर उपभोक्ताओं को मुहैया कराना है, लेकिन उपभोक्ताओं का कहना है कि एजेंसी सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर मुहैया कराने में आनाकानी कर रही है. या यूं कहें कि दबाव देकर गैर सब्सिडी सिलिंडर उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है.
इसके अलावे उपभोक्ताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनका डीबीटीएल हो चुका है, तो उनके एकाउंट में सब्सिडी की राशि नहीं पहुंच रही है. कहीं, किसी उपभोक्ता को अपने 12 सब्सिडीवाले गैस सिलिंडर का उठाव करने में एजेंसी का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
तीन हजार फॉर्म एजेंसियों ने किये रद्द : एजेंसियों के दबाव के बाद हजारों उपभोक्ताओं ने डीबीटीएल कराने के लिए विभिन्न एजेंसियों में आवेदन के साथ कागजात प्रस्तुत किया, लेकिन एजेंसियों की लापरवाही के कारण लगभग तीन हजार ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनके फॉर्म को एजेंसियों ने सुरक्षित नहीं रख पाया और पुन: उपभोक्ताओं से कागजात की मांग कर दी हैं, जिससे कई तरह की परेशानी लोगों को ङोलनी पड़ रही है.
उपभोक्ताओं ने बताया कि एक से दो माह पहले फॉर्म जमा किया गया था, लेकिन अब तक डीबीटीएल नहीं किया गया.ऐसे में उपभोक्ता मजबूरन दो-तीन बार गैर सब्सिडीवाला गैस सिलिंडरों का उठाव कर चुके हैं. एजेंसियों की लापरवाही का हर्जाना लोगों को आर्थिक नुकसान उठा कर चुकाना पड़ रहा है. हालांकि इस संबंध में एजेंसियों का कहना है कि कागजात अपूर्ण होने के कारण फॉर्म रिजेक्ट किया गया है.
डीबीटीएल के फेर में लाखों का नुकसान : एजेंसियों के प्रबंधकों से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान समय में कुल लगभग तीन हजार लोगों का फॉर्म किसी कारण से रद्द कर दिया गया है. ऐसे में यदि तीन हजार लोग गैर सब्सिडीवाले सिलिंडरों का उठाव करते हैं, तो लगभग कुल आठ लाख रुपये से अधिक की आर्थिक नुकसान होता है, जो यह राशि सीधे एजेंसियों के खाते में जाता है. लोगों का कहना है कि यदि एजेंसियां लापरवाही नहीं बरतें, तो लोगों का आर्थिक नुकसान नहीं उठाना पड़ता. ग्राहकों ने एजेंसियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि डीबीटीएल किस कारण से रद्द किया गया है. एजेंसियां स्पष्ट नहीं कर रहीं, जिससे लोगों के मन में एजेंसियों के प्रति असंतोष की भावना पनप रही है. वर्तमान में बिना सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर 7 सौ 22 रुपये 50 पैसे में मिल रहा है, जिसमें उपभोक्ताओं के खाते में सब्सिडी की 272 रुपये की राशि जा रही है.
एजेंसी ने सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर देना बंद किया : विंध्यवासिनी इंडेन गैस एजेंसी के प्रबंधक रवींद्र कुमार ने बताया कि वर्तमान समय में किसी भी उपभोक्ता को सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर नहीं दिया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि कंपनी से सब्सिडी गैस सिलिंडरों का उठाव नहीं हो रहा है, जिससे उपभोक्ताओं को गैर सब्सिडीवाले सिलिंडर मुहैया कराये जा रहे हैं. इधर, इस बात से उपभोक्ताओं में खासा नाराजगी देखने को मिल रही है. जबकि, पेट्रोलियम मंत्रलय के आदेशानुसार 31 मार्च तक उपभोक्ताओं को सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर देने का प्रावधान है. जबकि इसके विपरीत एजेंसी के इस रवैया से लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
21 दिन बाद ही हो रही है बुकिंग : उपभोक्ता रमेश कुमार, अशोक वर्मा आदि ने बताया कि इंडेन गैस एजेंसी में 21 दिन के बाद ही गैस बुकिंग किया जा रहा है. जबकि, नियमत: उपभोक्ता कभी भी गैस सिलिंडर का उठाव कर सकते हैं. उपभोक्ताओं ने बताया कि मार्च तक 12 सिलिंडर का उठाव कर लेना है, नहीं तो एक अप्रैल से पुन: नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जायेगा. 21 दिनों के बाद बुकिंग कराने की समस्या उन्हें अपने हक के सिलिंडर का उठाव करने में बाधा बन रही है.
24 हजार रुपये कागजात में खर्च : तीन हजार डीबीटीएल फॉर्म के रद्द हो जाने से ग्राहकों को पुन: फॉर्म जमा करने के एवज में प्रति व्यक्ति आठ रुपये का खर्च करना पड़ रहा है. ऐसे में तीन हजार फॉर्म रिजेक्ट होने के कारण ग्राहकों का कुल 24 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च का वहन करना पड़ा है. साथ ही कई बार संबंधित एजेंसी का चक्कर भी लगाना पड़ा है.
क्या है ग्राहकों की समस्या
दो बार लेना पड़ा बिना सब्सिडीवाला सिलिंडर : कुंवर ज्योति भारत गैस एजेंसी के उपभोक्ता प्रियंका कुमारी शर्मा ग्राहक संख्या 18255 के घरवालों ने बताया कि पिछले दो माह में उन्होंने एजेंसी को दो बार डीबीटीएल फॉर्म जमा कर चुके हैं, लेकिन अब तक वे एजेंसी का चक्कर लगा रहे हैं. ऐसे में उन्हें मजबूरन दो बार गैर सब्सिडीवाले गैस सिलिंडरों का उठाव करना पड़ा. पहला सिलिंडर 27 जनवरी और दूसरा सिलिंडर 22 फरवरी को उठाव किया है, जिसमें उन्हें 544 रुपये अतिरिक्त खर्च का वहन करना पड़ा है.
पुन: जमा करना पड़ा फॉर्म : उपभोक्ता सोहन लाल वर्मा उपभोक्ता संख्या 34641 है. ये भारत गैस एजेंसी के ग्राहक हैं. उपभोक्ता ने बताया कि दो माह के अंदर उन्होंने दो बार डीबीटीएल फॉर्म जमा किये. डीबीटीएल फॉर्म जमा करने के बाद एजेंसी ने फॉर्म गुम होने की बात कही और पुन: 15 मार्च को फिर से फॉर्म जमा किया. ऐसे में उन्हें सब्सिडी की राशि लेने का मौका गंवाना पड़ा.
नहीं मिला सब्सिडीवाला सिलिंडर : उपभोक्ता मो. नसीम ग्राहक संख्या 27409 ने बताया कि उन्होंने 24 फरवरी को डीबीटीएल फॉर्म जमा किया था, जिसकी प्राप्ति रसीद उपलब्ध है. एजेंसी पुन: उनसे डीबीटीएल संबंधित कागजात की मांग की है. एजेंसी उनका डीबीटीएल फॉर्म को सुरक्षित नहीं रख पायी है, जिससे उन्हें गैर सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर का उठाव करना पड़ा. डीबीटीएल नहीं होने के कारण उन्हें मिलनेवाली सब्सिडी की राशि का नुकसान उठाना पड़ा है.
क्या कहते हैं विंध्यवासिनी गैस एजेंसी के मालिक
विंध्यवासिनी इंडेन गैस एजेंसी के मालिक चंद्रकांत सिंह ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रलय के आदेशानुसार कार्य किया जा रहा है. ऑनलाइन बुकिंग से उपभोक्ता मार्च तक अपना 12 में से शेष बचे सब्सिडीवाले गैस सिलिंडरों का उठाव समय सीमा में कर सकते हैं, लेकिन ऑफ लाइन में 21 दिन बाद ही बुकिंग की जाती है.
क्या कहते हैं प्रबंधक
कुंवर ज्योति भारत गैस एजेंसी के प्रबंधक अमित कुमार ने बताया कि मार्च तक उपभोक्ता अपना सब्सिडीवाला गैस सिलिंडर का उठाव किसी भी समय कर सकते हैं. इसके लिए बैग लॉग में पर्याप्त सिलिंडर उपलब्ध हैं. डीबीटीएल फॉर्म में त्रुटि के कारण पुन: कागजात की मांग की जा रही है.
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