* गंगा नदी का जल स्तर बढ़ने से दियारे की स्थिति फिर होने लगी गंभीर
बक्सर : गंगा के जल स्तर में वृद्धि के कारण दियारे में पुन: स्थिति गंभीर होने लगी है. दियारे इलाके में रहने वाले लोग जान–माल की सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऊंचे स्थानों की ओर जाने लगे हैं. जल स्तर में वृद्धि के कारण चौसा के समीप चौसा–मोहनिया पथ पर पानी बहने लगा है.
इस कारण छोटे वाहनों का यातायात एक बार फिर बंद हो गया है. नगर के रामरेखा घाट की सीढ़ियां बाढ़ के पानी से डूब चुकी हैं. रामरेखा घाट स्थित विवाह मंडप की छत को बाढ़ का पानी छूने के करीब पहुंच गया है. दियारे में बाढ़ का पानी पिछले दिनों उतर गया था. लोग धीरे–धीरे खेती करने लगे थे. लेकिन अचानक जल स्तर में हुई वृद्धि के कारण खेत पानी में डूब चुके हैं.
सदर प्रखंड के उमरपुर दियारे के तटबंध पर भी दुबारा पानी का दबाव बढ़ने लगा है. तटबंध की सुरक्षा को लेकर अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह ने दौरा किया और स्थिति से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया. बाढ़ का पानी सदर प्रखंड के मझरिया, गड़नी, रामोबोरिया, अर्जुनपुर सहित अन्य इलाकों में फैलने लगा है.
सिमरी प्रतिनिधि के अनुसार, बाढ़ का पानी पुन: बढ़ने से प्रखंड की पांच पंचायतों में स्थिति गंभीर होने लगी है. प्रखंड के नियाजीपुर, सिमरी सहित अन्य गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे हैं. चौसा प्रतिनिधि के अनुसार, पिछले दो दिनों से गंगा नदी के जल स्तर में हो रही वृद्धि से प्रखंड क्षेत्र के लोगों में दुबारा भय समाने लगा है. गंगा नदी में बाढ़ से चौसा, नरबतपुर, बनारपुर, सिकरौल आदि गांवों के पास बाढ़ का पानी पहुंच चुका है. इससे गंगा व कर्मनाशा नदियों के तटीय क्षेत्रों में अवस्थित रामपुर, डिहरी, जलीलपुर आदि गांवों के पास तक बाढ़ का पानी घुस गया है.
सबसे बुरा हाल बनारपुर गांव का है, जो चारों तरफ से दुबारा बाढ़ के पानी से घिरने के कगार पर है. वहीं, चौसा–मोहनियां मार्ग अखौरीपुर गोला के पास डूब जाने से उस पर तीन फुट पानी ऊपर बहने लगा है. इससे उक्त मार्ग पर छोटे वाहनों का परिचालन लगभग बंद हो गया है. गंगा पंप नहर सोमवार से बंद कर दिया गया है. हालांकि बाढ़ग्रस्त इलाकों में अभी तक राहत कार्य नहीं चल रहा है.