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बिचौलियों के हाथों किसान बेच रहे धान
धान खरीद में विफल हो गयी सरकारी मशीनरी बक्सर/इटाढी : धान खरीद को लेकर बक्सर जिले में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह विफल हो गयी है और किसान अपना धान बेचने के लिए परेशान हैं. सभी प्रखंडों में कमोवेश एक जैसी स्थिति है और नाम मात्र की खरीदारी कहीं-कहीं हुई है. धान की नमी को लेकर […]
धान खरीद में विफल हो गयी सरकारी मशीनरी
बक्सर/इटाढी : धान खरीद को लेकर बक्सर जिले में प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह विफल हो गयी है और किसान अपना धान बेचने के लिए परेशान हैं. सभी प्रखंडों में कमोवेश एक जैसी स्थिति है और नाम मात्र की खरीदारी कहीं-कहीं हुई है. धान की नमी को लेकर प्रशासनिक अधिकारी किसानों को लौटा दे रहे हैं, जिसके कारण किसान औने-पौने भाव में बिचौलियों के हाथों धान बेचने को विवश हैं.
वहीं, इटाढ़ी प्रतिनिधि के अनुसार प्रखंड में किसानों की समस्या सुननेवाला कोई नहीं है. किसान धान की रखवाली दिन-रात जग कर खेतों व खलिहान में कर रहे हैं. किसान मौके के इंतजार में हैं कि कब धार क्रय केंद्र खुलेगा. धान क्रय केंद्र अभी तक नहीं खुलने से किसान अपनी मेहनत की कमाई बिचौलियों के हाथ दे रहे हैं. जो धान सरकार 1360 रुपये प्रति क्विंटल खरीदेगी उसी धान को बिचौलिये 900 रुपये प्रति क्विंटल मांग रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ किसान अपनी गेहूं की पटवन कर यूरिया खाद के लिए बाजार में भटक रहे हैं.
इस समय किसानों को चौतरफा मार ङोलना पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि बाजार में यूरिया खाद की किल्लत है, लेकिन दुकानदारों व पदाधिकारियों की मिली भगत से यूरिया महंगे दामों पर बेचा जा रहा है. किसान जीतन पाठक, मटरू यादव, संतोष सिंह आदि ने बताया कि धान की पटवन के समय डीजल अनुदान समय पर नहीं मिलता, जब धान पक कर तैयार होता है, तो खरीदार नहीं मिलते. अब गेहूं की खेती सामने है आप ही बताये कि कैसे हमलोग पटवन व खाद की खरीदारी करें.
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