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बिना पॉस मशीन के बेचे जा रहे उर्वरक, किसान हो रहे परेशान

आरा : किसानों को पारदर्शी तरीके से उर्वरक उपलब्ध कराने तथा बिचौलियों व खाद्य विक्रेताओं की अनियमितता पर नकेल कसने को लेकर सरकार ने पॉस मशीन से ही खाद की बिक्री करने का नियम बनाया है, पर दो वर्ष पहले शुरू की गयी व्यवस्था जिले में टांय-टांय फीस हो गयी है. इस कारण किसानों की […]

आरा : किसानों को पारदर्शी तरीके से उर्वरक उपलब्ध कराने तथा बिचौलियों व खाद्य विक्रेताओं की अनियमितता पर नकेल कसने को लेकर सरकार ने पॉस मशीन से ही खाद की बिक्री करने का नियम बनाया है, पर दो वर्ष पहले शुरू की गयी व्यवस्था जिले में टांय-टांय फीस हो गयी है. इस कारण किसानों की हालत पतली है.

वहीं, खाद विक्रेता चांदी काट रहे हैं. इससे कृषि क्षेत्र में विकास पर भी अंकुश लग रहा है. खाद विक्रेता मनमाने ढंग से खाद की बिक्री कर रहे हैं. जिले के सभी खाद्य विक्रेताओं को पॉस मशीन रखना अनिवार्य किया गया है. पॉस मशीन से खाद बिक्री नहीं करने पर अनुज्ञप्ति रद्द करने का प्रावधान है.
पॉश मशीन में रहता है किसानों का पूरा बायोडाटा : पॉश मशीन में किसानों का पूरा बायोडाटा रहता है. सभी पॉश मशीन इंटरनेट के माध्यम से विभाग के जिला मुख्यालय से जुड़े रहने का प्रावधान है. इस कारण विक्रेता द्वारा किये जानेवाले सभी कारोबार की जानकारी मुख्यालय को मिलते रहती है.
इस व्यवस्था के तहत गड़बड़ी को रोकने का उद्देश्य है. पॉस मशीन के माध्यम से खाद की बिक्री करने पर किस किसान को कितना बैग खाद की आपूर्ति किस विक्रेता द्वारा की गयी, इसकी जानकारी दर्ज रहेगी. वहीं, किसानों के भूमि का बायोडाटा भी पॉस मशीन से जानी जायेगी.
किसानों को देना होता है आधार नंबर : किसानों को खाद लेने के लिए आधार नंबर देना पड़ेगा. इसके साथ ही वोटर आई कार्ड या किसान क्रेडिट कार्ड में से कोई एक पहचान देना होगा, जिससे सभी तरह की जानकारियां पॉस मशीन में कैद हो जायेंगी.
पकड़ में आयेंगी फर्जी खाद कंपनियां : उर्वरक में डीबीटी योजना का लक्ष्य फर्जी खाद कंपनियों को पकड़ने का है. केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सब्सिडी के बाद सबसे अधिक सब्सिडी उर्वरक में दी जाती है. इसका लाभ वास्तव में किसानों को नहीं मिलता है, बल्कि खाद कंपनियां गटक जाती हैं.
होता है यह है की उर्वरक बिक्री का रिकॉर्ड नहीं रहने से फर्जी खाद कंपनियां गलत डाटा देकर सरकार से सब्सिडी की राशि प्राप्त कर लेती है. इस कारण किसानों को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाता है. पॉस मशीन के कारण खाद बिक्री का रिकॉर्ड रहेगा. इस कारण खाद कंपनियां गलत आंकड़ा देकर सब्सिडी का लाभ नहीं ले सकेंगी.
क्या कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
इसके विरुद्ध अभियान चलाया जायेगा.जांच के दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी, ताकि किसानों को सुविधाजनक तरीके से खाद उपलब्ध कराया जा सके.
संजय नाथ तिवारी, जिला कृषि पदाधिकारी

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