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वाहन चेकिंग के दौरान 260 बोतल शराब जब्त

बक्सर : औद्योगिक थाना की पुलिस ने गोलंबर के समीप वाहन चेकिंग के दौरान बुधवार की रात 260 बोतल विदेशी शराब को बरामद किया. वहीं पुलिस को देखते ही तस्कर बाइक लेकर भागने में सफल रहे. वहीं धनसोई थाना की पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान बुधवार की रात शराब सप्लाइ करने जा रहे बाप-बेटे […]

बक्सर : औद्योगिक थाना की पुलिस ने गोलंबर के समीप वाहन चेकिंग के दौरान बुधवार की रात 260 बोतल विदेशी शराब को बरामद किया. वहीं पुलिस को देखते ही तस्कर बाइक लेकर भागने में सफल रहे. वहीं धनसोई थाना की पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान बुधवार की रात शराब सप्लाइ करने जा रहे बाप-बेटे को 10 बोतल विदेशी शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया.
वहीं पुलिस ने एक बाइक को भी जब्त किया है. फिलहाल पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है. दोनों गिरफ्तार सप्लायर अमरपुर के रहने वाले कूला सिंह और उसका बेटा राकेश सिंह बताये जाते हैं. मडुवाडीह से चलकर पटना तक जाने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस में गुरुवार की अहले सुबह को जीआरपी ने छापेमारी कर 44 बोतल शराब बरामद की.
सिमरी थाना क्षेत्र के रामदास राय डेरा ओपी थाना अंतर्गत गंगौली बांध के समीप सड़क पर वाहन जांच के दौरान पुलिस ने 2 पेटी अंग्रेजी शराब के साथ धंधेबाज को अपाची बाइक के साथ गिरफ्तार कर लिया. मामले के संबंध में ओपी प्रभारी विष्णु देव कुमार ने बताया कि गश्ती के दौरान वाहन जांच की जा रही थी. जिस समय उक्त एक अपाची गाड़ी पर उत्तरप्रदेश के बयासी गांव की तरफ से बाइक सवार गंगौली की तरफ आ रहा था कि बांध के नीचे उत्तरी इलाके के सड़क पर मोटरसाइकिल सवार को रोका गया.
अपाची बाइक चालक तेज रफ्तार से बाइक को लेकर भागने का प्रयास किया. जिसे पुलिस कर्मियों ने दौड़कर धर दबोचा. बाइक पर क्रेजी रोमियो 180 एमएल की 130 पीस व्हिस्की शराब बरामद किया गया. पुलिस ने शराब के साथ संलिप्त तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया है.
गिरफ्तार तस्कर पुराना भोजपुर गांव के रहने वाले निखिल कुमार यादव बताये जा रहे हैं.
राजपुर : जब कोई कार्य गलत हो तो उसका पुरजो विरोध किया जाना चाहिए. ऐसा ही कुछ साबित कर दिखाया था राजपुर प्रखंड के बारूपुर गांव के रहने वाली दर्जनों महिलाओं ने. शराब पीकर घर को बर्बाद करने वाले और नयी पीढ़ी को अच्छा नागरिक बनाने के लिए इस गांव की महिला गंगाजला कुंवर और जयंती देवी के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में संगठित महिलाओं ने एक स्वर में 31 अक्टूबर 2015 में शराब पीने वाले और बेचने वाले माफियाओं के खिलाफ आंदोलन कर उनके सभी ठिकानों पर धावा बोल दिया.
दुकानदार तो भाग निकले लेकिन शराब माफियाओं ने जान से मारने की धमकी दी.उस समय राज्य में शराब बंदी कानून लागू नहीं थी. इसलिए पुलिस और समाज भी इनका साथ देने को तैयार नहीं हो रहा था़ हर तरफ शराब बेचने का धंधा जोरों पर था. शराबी दिन रात अक्सर गांव की गलियों में महिलाओं पर फब्तियां कसते थे.
इससे आहत गंगाजला कुंवर और जयंती देवी के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने एक बार फिर शराब की दुकानों पर अचानक धावा बोला. वहां से महिलाओं ने कई शराबियों को पकड़ा,उन्हें घसीटते हुए राजपुर थाने की ओर चल दी़ं हालांकि एक-दो शराबी किसी तरह से महिलाओं के चंगुल से निकल कर भाग निकले,परंतु दो लोगों को महिलाओं ने थाने के हवाले कर दिया़
पुलिस ने भी महिलाओं की इस हिम्मत को सलाम किया व दोनों शराबियों को जेल भेज दिया. इसके बाद राजपुर के तत्कालीन सीओ राकेश कुमार भी महिलाओं के समर्थन में उतर आये. इससे गंगाजला के हौसले को पंख मिल गया और फिर लगातार चार महीने तक पूरे गांव की गलियों की नाकेबंदी कर महिलाओं ने छापेमारी की़
दुर्गा स्वयं सहायता समूह का हुआ था गठन
प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किमी की दूरी पर बसा है बारूपुर गांव. यहां के लोग शिक्षा व अन्य अधिकारों से वंचित थे. इस गांव में अक्सर पुलिस का रेड पड़ता था, लेकिन तीन वर्ष पहले जीविका के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर महिलाओं को जागरूक किया व महिला स्वयं सहायता समूह गठित करने की पहल की.
इस पर गांव की विधवा और निरक्षर महिला गंगाजला कुंवर की अध्यक्षता में दुर्गा स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया. इस समूह की महिलाओं ने प्रत्येक सप्ताह 10 रुपये जमा करके राजपुर स्थित बैंक में खाता खुलवाया.
शराबबंदी के फैसले का किया था स्वागत
अभी आंदोलन चल ही रहा था कि तब तक सरकार ने शराब बंदी कानून की घोषणा किया और इसके लिए मानव श्रंखला भी बनायी. जिस शृंखला में इन महिलाओं ने काफी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया.
इन महिलाओं से प्रेरणा लेकर इसकी आग धीरे-धीरे अन्य जगहों पर भी पहुंची और विरोध का स्वर मुखर हुआ़ घर की महिलाओं ने अपने पति और बेटों को शराब नहीं पीने की नसीहत देने लगी. नहीं मानने पर गंगाजला कुंवर के आदर्श की कहानी बताने लगी़ आज इनकी कहानी प्रखंड के सभी गांवों में महिलाओं के जुबान पर होती है.
महिलाएं अब अबला नहीं रही.महिलाओं को अब हर क्षेत्र में बराबरी का दर्जा केंद्र व राज्य सरकार को देना होगा. जिस देश में नारी का सम्मान नहीं होगा उस देश का सम्मान नहीं होगा. समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण का अगर केवल एकमात्र पैमाना ‘लेखन’ होता तो निश्चित रूप से यह कहा जा सकता था कि पिछले लगभग एक-दो दशकों में महिलाएं इस पैमाने पर खरी उतरी हैं.
नंदनी गुप्ता
जागरूकता से ही होगा महिलाओं का उत्थान
महिलाओं को अपने अधिकार व दायित्व को समझने की जरूरत है. महिलाएं जागरूक होंगी, तभी उनका उत्थान होगा. आधुनिकता की दौर में छात्राओं को टेक्नोलॉजी से अपडेट होते रहने की जरूरत है.
माधुरी कुंवर, अधिवक्ता
शिक्षा के प्रति अभिभावकों को जागरूक होने की आवश्यकता है. लड़कियों को खुद शिक्षा दिलायें. आज लड़कियां भी उच्च पदों पर आसीन होकर नाम रोशन कर रही हैं.
साधना पांडेय, अधिवक्ता
यह पुरुष बनाम महिलाओं की लड़ाई नहीं है, बल्कि महिलाओं के अपने अस्तित्व की लड़ाई खुद लड़नी चाहिए. वैशाखी के सहारे जिंदगी नहीं कट सकती है. इसके लिए महिलाओं को पहल करने की जरूरत है.
डॉ नमिता सिंह, महिला चिकित्सक

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