डुमरांव : 12 वर्षीय ददन की मौत की खबर मिलते ही दलित टोला में मातम पसर गया. मृतक की बहन उर्मिला देवी बेहोश होकर गिर पड़ी. ग्रामीणों ने उसको होश में लाकर सांत्वना दिया. होश में आते ही उर्मिला रोने-बिलखने लगी. वह रो रोकर कह रही थी अब कईसे माई के मुहवा देखाइब ऐ बबुआ. […]
डुमरांव : 12 वर्षीय ददन की मौत की खबर मिलते ही दलित टोला में मातम पसर गया. मृतक की बहन उर्मिला देवी बेहोश होकर गिर पड़ी. ग्रामीणों ने उसको होश में लाकर सांत्वना दिया. होश में आते ही उर्मिला रोने-बिलखने लगी. वह रो रोकर कह रही थी अब कईसे माई के मुहवा देखाइब ऐ बबुआ. उर्मिला बार-बार अपने छोटे भाई के शव की मांग कर रही थी.
परिजनों के रोने-बिलखने से माहौल गमगीन हो गया और टोले के अन्य महिलाएं भी रोने लगीं. अधिकांश महिलाएं सड़क पर उतर आयी थीं. जख्मी किशोर ददन को खोजने लगी. जब पता चला कि उसकी मौत हो गयी है और पुलिस ने शव को हटा दिया है इसके बाद महिलाएं भी आग बबूला हो गयीं और पुलिस के विरोध में सड़क पर बैठ गयीं.
इकलौता चिराग था ददन : मृतक ददन मुसहर अपने घर का इकलौता चिराग था. वह अपनी बहन उर्मिला के यहां कोरानसराय के दलित टोला में रह रहा था. बहन भी उसे अपने बच्चे की तरह देखभाल करती थी. वह घर से बगैर बताये बाजार घूमने के लिए निकला था. सड़क हादसे ने उसकी जीवन लीला को समाप्त कर दिया. मृतक के पिता भोजपुर जिले के सहार थाना स्थित चांसी बनौली गांव निवासी मोटक उर्फ लालजी मुसहर की मौत दो वर्ष पूर्व हो गयी थी. मां द्वारा अच्छी देखभाल नहीं होने पर बेटी ने अपने भाई ददन को घर बुला लिया था.
बेसुध पड़ा था जीजा जितेंद्र : सड़क हादसे में साला ददन की मौत की खबर सुन रिश्ते के जीजा जितेंद्र मुसहर बेसुध पड़ा था. उसकी आंखों से आंसू की अविरल धारा निकल रही थी. उसने बताया कि बेटे की तरह ददन की देखभाल व परवरिश करता था लेकिन क्षण भर में मेरी खुशियां गम में बदल गयीं. इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया.
दलित टोले में नहीं जले चूल्हे : मौत के बाद दलित टोला में मातम पसर गया. टोले के ग्रामीण इस घटना के बाद काफी आक्रोशित थे. वहीं महिलाएं मृतक की बहन को सांत्वना देने में जुटी थीं. बुधवार को टोले के घरों में चूल्हा नहीं जला और पूरे टोले में मातमी सन्नाटा पसरा रहा. सभी की आंखों में गम व आक्रोश झलक रहे थे.