पुलिस की कार्यशैली पर उठने लगीं अंगुलियां
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दिन भर थाने में चलता रहा ड्रामा शाम में डॉक्टर को मिली जमानत
पुलिस की कार्यशैली पर उठने लगीं अंगुलियां थाने में गये थे मामला दर्ज कराने, पुलिस ने किया गिरफ्तार बक्सर : ग्लोबल अस्पताल के निदेशक सह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉ वीके सिंह की गिरफ्तारी के बाद जेल या जमानत को लेकर नगर थाने में हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा. पुलिस नेकभी डाॅक्टर को जेल भेजने […]
थाने में गये थे मामला दर्ज कराने, पुलिस ने किया गिरफ्तार
बक्सर : ग्लोबल अस्पताल के निदेशक सह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉ वीके सिंह की गिरफ्तारी के बाद जेल या जमानत को लेकर नगर थाने में हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा. पुलिस नेकभी डाॅक्टर को जेल भेजने की बात कही, तो कभी जमानत देकर छोड़ने के बाद कही. वहीं अंत में बक्सर पुलिस ने डाॅक्टर वीके सिंह को बांड पेपर भरवाकर जमानत पर थाने से छोड़ दिया. वहीं डाॅक्टर की गिरफ्तारी को लेकर पूरे जिले में हड़कंप मचा रहा. साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर भी अंगुलियां उठनी शुरू हो गयी है. गुरुवार की देर रात चिकित्सक की गिरफ्तारी की जानकारी के बाद पूरे जिले के चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया.
कई चिकित्सक व आईएमए के सदस्य नगर थाना पहुंचकर मामले की जानकारी लेने में जुट गये. लोगों का कहना है कि जब पुलिस ने उन्हें गुरुवार की देर शाम गिरफ्तार किया तो उन्हें उसी समय बांड पेपर भरवाकर छोड़ देना चाहिए था. आईएमए की बक्सर शाखा से जुड़े सभी चिकित्सक विरोध में उतर गये. एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ महेंद्र प्रसाद ने कहा कि चिकित्सक सदैव लोगों की जान बचाने के लिए तत्पर रहते हैं लेकिन प्रशासन उन बातों को दरकिनार करते हुए डाॅक्टर को गिरफ्तार कर लेती है
और उनके साथ मुजरिमों जैसा सलूक करती है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि किसी डाॅक्टर की गिरफ्तारी से पूर्व एक पैनल का गठन किया जाना चाहिए. लेकिन जिला प्रशासन ने ऐसा नहीं किया. अगर डाॅक्टर को पुलिस नहीं छोड़ती है तो पूरे जिले में स्वास्थ्य सेवा बंद कर दी जाती. डॉ को हिरासत में लिये जाने के तत्काल बाद एसडीपीओ शैशव यादव ने अपने बयान में बताया था कि एक महिला की ऑपरेशन में हुई मौत के बाद मृतक के परिजनों द्वारा संबंधित चिकित्सक पर कई आरोप लगाये गये थे. इसी आरोप के तहत चिकित्सक को हिरासत में लिया गया है. वहीं, नगर थाना इंस्पेक्टर अविनाश कुमार इस मामले में पत्रकारों को भ्रमित करते रहे.
लापरवाही के आरोप में हुई थी डाॅक्टर की गिरफ्तारी : बीते 14 सितंबर को एक महिला का गॉल ब्लॉडर की पथरी का ऑपरेशन किया गया जहां इलाज के दौरान ही 18 सितंबर को महिला की मौत हो गयी थी. इसके बाद परिजनों ने पुलिस चौकी पर जाम कर मौत का कारण इलाज में लापरवाही बताया गया था. इसके बाद महिला का पोस्टमार्टम कराया गया. वहां पोस्टमार्टम के मौत का कारण लापरवाही बताया गया. इटाढ़ी थाना क्षेत्र के करंजुआ गांव के रहने वाले रंजन साह ने अपनी पत्नी प्रभा देवी का ऑपरेशन कराया. ऑपरेशन के कुछ दिन बाद ही महिला की मौत हो गयी. मौत के बाद जमकर हंगामा किया गया.
वहां परिजनों ने ग्लोबल अस्पताल के निदेशक वीके सिंह के खिलाफ नगर थाने में मामला दर्ज कराया. अस्पताल के निदेशक वीके सिंह ने बार-बार यह कहा कि उन्होंने केवल अपना ऑपरेशन थिएटर तथा अन्य सुविधाएं ऑपरेशन के लिए आरा के चिकित्सक वीके सिन्हा को दिया था. इस मामले में ऑपरेशन में अस्पताल की कोई भूमिका नहीं थी.
कहते हैं आईएमए के अध्यक्ष
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ महेंद्र सिंह ने बताया कि डॉ बीके सिंह को किसी दूसरे मामले में थाने में बुलाकर उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इस बात की जानकारी जब जिला आईएमए को मिली तो हम लोगों ने बिहार मेडिकल एसोसिएशन को इसकी जानकारी दी एवं पूरा जिला शुक्रवार को हड़ताल पर चला गया. उन्होंने बताया कि संबंधित चिकित्सक पर किडनी गायब करने जैसे लगाये गये गंभीर आरोप बेबुनियाद है. जिस महिला की मृत्यु हुई थी उसका पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में कराया गया था.
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