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एचएम व साधनसेवी से शोकॉज, तीन दिनों का अल्टीमेटम

जांच के दौरान पायीं कई गड़बड़ियां, गुणवत्तापूर्ण नहीं था मध्याह्न भोजन अरक मध्य विद्यालय की जांच करने पहुंचे अधिकारी बक्सर : जिले के चक्की प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय अरक में नामांकन से दुगना मध्याह्न भोजन बनाने का रिपोर्ट भेजने का मामला प्रकाश में आया है. मामला उजागर होते ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कान […]

जांच के दौरान पायीं कई गड़बड़ियां, गुणवत्तापूर्ण नहीं था मध्याह्न भोजन

अरक मध्य विद्यालय की जांच करने पहुंचे अधिकारी
बक्सर : जिले के चक्की प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय अरक में नामांकन से दुगना मध्याह्न भोजन बनाने का रिपोर्ट भेजने का मामला प्रकाश में आया है. मामला उजागर होते ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कान खड़े हो गये हैं. शुक्रवार डीपीओ मध्याह्न भोजन सहित अन्य पदाधिकारी मामले की जांच करने के लिए विद्यालय पहुंचे. पदाधिकारियों को घंटों उपस्थिति पंजी, मध्याह्न भोजन पंजी सहित आइवीआर को भेजे रिपोर्ट का अध्ययन करना पड़ा. इसके बाद बैंक पहुंच कर संबंधित निकासी की भी जानकारी ली. अधिकारियों ने जांच के दौरान कई गड़बड़ियां पायीं. इसके बाद तीन दिनों के अंदर स्कूल के हेडमास्टर मदन राम सहित प्रखंड साधनसेवी शशिकांत चौधरी से स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. इसके बाद स्कूल का ऑडिट कराने का निर्देश दिया, ताकि मामले की पूरी तरह से जांच हो सके. इससे पूरे शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है. यह विद्यालय चक्की बीआरसी कैंपस के नजदीक है. बावजूद एचएम मनमानी करते रहे हैं.
क्या था मामला : अरक गांव निवासी उदय नारायण सिंह ने डीएम को दिये लिखित आवेदन में कहा था कि विद्यालय की कक्षा एक में 14, दो में 38, तीन में 24, चार में 40, पांच में 46, छह में 69, सात में 55 व आठ में 83 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. विद्यालय में 369 बच्चों का नामांकन है. वहीं, आइवीएस रिपोर्ट में बच्चों का मध्याह्न भोजन 704 दिखाया जा रहा है. वहीं, पिछले जून माह में हेडमास्टर की ओर से पंद्रह दिनों में प्राथमिक कक्षा में बच्चों की संख्या 4277 दिखायी गयी है. यदि इसे औसत प्रतिदिन के हिसाब से देखा जाये, तो 285 हो रहा है. वहीं, मध्य विद्यालय में पंद्रह दिनों में बच्चों की उपस्थिति 5431 दिखायी गयी है. यदि औसत प्रतिदिन के हिसाब से देखा जाये, तो 362 बच्चों की उपस्थिति हो रही है, जिससे यह प्रतित हो रहा है कि एक दिन में 647 बच्चों का मध्याह्न भोजन बनाया जा रहा है. जबकि नामांकन महज 369 है. हर दिन करीब दौ सौ बच्चे ही उपस्थित होते हैं. ऐसे में एचएम सहित कर्मियों की मिली भगत से फर्जी मध्याह्न भोजन की उपस्थिति दिखाकर हर माह करीब एक लाख रुपये से अधिक की राशि गबन की जा रही है.
जांच में मिली गड़बड़ी : जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 155 थी. सभी बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन बना हुआ था. सभी बच्चों को पर्याप्त मात्रा में भोजन दिया गया था. साथ ही मेनू के अनुसार था, लेकिन मध्याह्न भोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं था. इस पर अधिकारियों ने एचएम सहित प्रखंड साधन सेवी की जमकर क्लास लगायी. इसके साथ संबंधित मामले पूरी पंजी के साथ स्पष्टीकरण देने की मांग तीन दिनों के अंदर देने का निर्देश दिया है.
जांच में खामियां मिली हैं
जांच में कई खामियां मिली हैं. एचएम सहित प्रखंड साधनसेवी से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. इसके बाद ऑडिट कराया जायेगा. गबन की बात सामने आते ही दोषी पाये जानेवालों से राशि की वसूली की जायेगी. यदि जरूरत पड़ी, तो एफआइआर दर्ज होगा.
बृज किशोर सिंह, डीपीओ मध्याह्न भोजन

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