राजगीर. पर्यटक शहर राजगीर में प्रतिवर्ष सैकड़ों नये मकान बिना नक्शा पास कराये बनाये जा रहे हैं. लेकिन नगर परिषद द्वारा इस मामले में तत्परता नहीं बरता जा रहा है. सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है. नगर परिषद की इस अनदेखी की वजह से शहर में प्रतिवर्ष सैंकड़ों खतरनाक मकान बन रहे हैं. मकान बनाने में मानकों का ध्यान नहीं रखने से आपातकाल में इसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना पड़ सकता है. नियम है कि नगर परिषद के अधिसूचित क्षेत्र में कोई भी नया मकान बनाने से पहले संबंधित लोगों को सबसे पहले उस जमीन का नक्शा पास करना जरूरी है. इसके लिए उन्हें अपनी जमीन की रजिस्ट्री की प्रामाणिक दस्तावेज के अलावा राजस्व अंचल से दाखिल खारिज का अध्यतन रसीद भी कार्यालय में जमा करना होता है. लेकिन राजगीर नगर परिषद में आवश्यक नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से मकान, दुकान आदि का निर्माण किया जा रहा है. बगैर नक्शा पास कराये बन रहे मकानों और कॉलोनियों का होल्डिंग टैक्स निर्धारण नहीं हो रहा है. होल्डिंग टैक्स कायम नहीं होने से वैसे नवनिर्मित घरों से नगर परिषद को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है. नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत अनाधिकृत रूप से न सिर्फ मकान बनाये जा रहे हैं, बल्कि स्थाई दुकान, मकान और होटल बनाकर लोक भूमि का अतिक्रमण भी किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा अगर जांच टीम का गठन किया जाय तो कई चौंकाने वाले मामले भी सामने आ सकते हैं. — नगर परिषद क्षेत्र में नक्शा पास करने का है प्रावधान नियमानुसार जिन लोगों को नगर परिषद क्षेत्र में मकान बनाना होता है. उन्हें मकान बनाने से पहले नगर परिषद में निर्माण संबंधी नक्शा प्रस्तुत करना और उसे पास करना अनिवार्य होता है. तत्पश्चात कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नगर परिषद के जिम्मेदार कर्मियों से प्रश्नगत जमीन का निरीक्षण कराया जाता है. नियम के मुताबिक जमीन का पूरा कागजात देखने के बाद संबंधित जिम्मेदारों द्वारा उनकी जमीन की तहकीकात करने और संतुष्ट होने के बाद नियमानुसार नक्शा पास करने के लिये निरीक्षण प्रतिवेदन ईयो को समर्पित की जाती है. शहर में अगर 33 फुट से अधिक चौड़ी जमीन है, तो आसपास दोनों ओर तीन फीट या नियमानुसार अधिक जमीन छोड़कर मकान बनाना है. इसके अलावे 11 मीटर से अधिक के मकान के लिए पार्किंग के लिये आसपास जमीन का हिस्सा खाली रखना है. आवागमन के लिये सड़क की चौड़ाई आदि बातों को ध्यान में रखकर ही नक्शा पास किया जाता है, ताकि भविष्य में कोई परेशानी नहीं हो सके. इन सभी नियमों का पालन होने के बाद नगर परिषद द्वारा नक्शा को स्वीकृति प्रदान किया जाता है. तब नक्शा पास होने के बाद मकान निर्माण शुरू होता है. — लोग नहीं कर रहे नगर पालिका एक्ट का पालन नगर परिषद क्षेत्र में जितने भी मकान बन रहे हैं, उनमें अधिकांश निर्माण में नगर पालिका एक्ट का पालन नहीं हो रहा है. अधिकांश लोग नियम कानून को ताक पर रखकर ही मकान बनाने में जुटे हैं. पूर्व में कितने लोगों द्वारा नगर परिषद में नक्शा पास कराने के लिए आवेदन दिया गया है. इसका आंकड़ा भी नगर परिषद देने में सक्षम नहीं है. नगर परिषद द्वारा सभी मकान- दुकान आदि का नक्शा पास कराया जाता तो लाखों- करोड़ों रुपये राजस्व प्राप्त होता. जानकार बताते हैं कि शहर में बिना नक्शा पास कराये मकान का निर्माण करना नगर पालिका एक्ट के तहत गैरकानूनी है. लेकिन मकान का निर्माण बिना नक्शा पास कराये ही धड़ल्ले से किया जा रहा है. नगर पालिका अधिनियम के अनुसार जिस व्यक्ति को नगर परिषद क्षेत्र में मकान बनाना है, उन्हें मकान के मुख्य दरवाजे के आगे जमीन छोड़ना होता है. इसके अलावा मकान के चारों ओर भी जमीन छोड़ने का प्रवधान है. अगर मकान बनाने वाला ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके विरुद्ध नगरपालिका एक्ट के तहत टाउन प्लानर और कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई करने का प्रावधान है. बावजूद राजगीर नगर परिषद में इन नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है. — पदाधिकारी बोले नगर परिषद क्षेत्र में मकान – दुकान बनाने के लिए नक्शा पास करना अत्यंत अनिवार्य है। मकान बनाने में शर्तों का अनुपालन करना भी आवश्यक है। अगर किसी के द्वारा बिना नक्शा पास कराये ही मकान – दुकान आदि का निर्माण कराया जा रहा है, तो इसकी जानकारी मिलने पर जांच करायी जायेगी। जांचोपरांत पुष्टि होने पर नगर पालिका एक्ट के तहत कार्रवाई की जायेगी। अजीत कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, राजगीर
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