राजगीर. राजगीर सहित अन्य नगर निकायों में नक्शा के अनुरूप भवन निर्माण नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी. कार्रवाई के पहले नगर निकायों से पास किये गये नक्शा के अनुसार भवन का निर्माण हुआ है या नहीं, इसकी जांच कराई जाएगी. गृह स्वामियों द्वारा नियमों का उल्लंघन पाये जाने पर सख्त कार्रवाई होगी. नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जीवेश कुमार द्वारा विधान परिषद में बुधवार को यह घोषणा किया गया है. मंत्री द्वारा एमएलसी संजीव कुमार सिंह के तारांकित प्रश्न का जबाब देते हुये यह घोषणा किया गया है. मंत्री ने कहा है कि जांच में देखा जायेगा कि फर्श क्षेत्र अनुपात ( एफएआर) का उल्लंघन तो नहीं हुआ है. लोक भूमि का अतिक्रमण किया गया है या नहीं. मानक अनुसार भवन बनाया गया है या नहीं. उन्होंने कहा है कि वरीय अधिकारियों की टीम बनाकर एफएआर के स्तर पर भवनों की जांच की जाएगी. नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. सूत्रों के अनुसार शहरों में अनियंत्रित निर्माण को रोकने और सुव्यवस्थित विकास सुनिश्चित करने के लिए नगर निकायों ने नक्शा अनुसार भवन निर्माण को अनिवार्य बना दिया है. अब यदि कोई व्यक्ति स्वीकृत नक्शे के विपरीत भवन का निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कई लोग बिना स्वीकृत नक्शा के भवन बना लेते हैं, उससे अवैध निर्माण की समस्या बढ़ती है. अनियंत्रित निर्माण से ट्रैफिक जाम, जलभराव, वेंटिलेशन की समस्या और आपदा जोखिम (जैसे भूकंप और आग) बढ़ जाते हैं. सूत्रों के अनुसार राजगीर नगर परिषद क्षेत्र में अनेकों लोगों द्वारा सरकारी कर्मियों के साठगांठ से आवासीय नक्शे पर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू किया गया है, जो म्युनिसिपल एक्ट के अनुकूल नहीं है. इससे शहरी नियोजन प्रभावित होता है. सूत्रों के अनुसार जांच में अनियमितता पकड़े जाने पर पहले भवन स्वामी को नोटिस जारी किया जाएगा. उन्हें सुधार करने का मौका दिया जाएगा. भवन स्वामी द्वारा अवैध निर्माण को नहीं हटाया जायेगा. तब नगर परिषद या प्राधिकरण म्युनिसिपल एक्ट के तहत खुद उसे ध्वस्त करने की कार्रवाई करेगा. जानकारों की माने तो दोषियों पर जुर्माना लगाने और कानूनी कार्रवाई करने का भी प्रावधान है. नगर निकायों द्वारा नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया जा रहा है. इससे लोग सही तरीके से भवन निर्माण कर सकेंगे. पदाधिकारी कहते हैं कि नक्शा अनुसार भवन निर्माण सुनिश्चित करने से शहरों का सुनियोजित विकास होगा. अवैध निर्माण की समस्या कम होगी. सरकार की यह सख्ती शहरों को अधिक सुरक्षित, सुंदर और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक अहम कदम है.
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