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जातीय सर्वे रिपोर्ट: बिहार में केवल 7 प्रतिशत लोग ग्रेजुएट, जानिए किन जातियों में कितने लोग हैं पढ़े-लिखे..

बिहार सरकार की ओर से कराए गए जातीय सर्वे की रिपोर्ट मंगलवार को विधानमंडल में पेश की गयी. जिसके बाद कई तरह की जानकारियां सामने आयीं. प्रदेश में पढ़ाई-लिखाई की स्थिति क्या है, इसकी भी जानकारी मिली. जानिए किस जाति में कितने लोग पढ़े-लिखे हैं.

Bihar Caste Survey Report : बिहार विधानमंडल में जातीय सर्वे के आंकड़े पेश किए गए. मंगलवार को सरकार की ओर से जातीय सर्वे की विस्तृत रिपोर्ट जब पेश की गयी तो इसमें कई बड़े खुलासे हुए. विधानमंडल में पेश जाति आधारित गणना के सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों से पता चलता है कि बिहार में ग्रेजुएट की आबादी महज सात प्रतिशत है. यदि बात पोस्ट ग्रेजुएट की बात करें, तो इनकी संख्या एक फीसदी से भी कम है, यानी 0.82% है. 22.67 % आबादी पांचवीं तक ही पढ़ी है. इसके अलावा कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा 14.33 %, कक्षा 9 से 10 तक की शिक्षा 14.71 % और 11वीं और 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त लोगों की संख्या 9.19 फीसदी है. इसमें सामान्य वर्ग में 14.53 प्रतिशत, पिछड़ा में 7.14, अतिपिछड़ा में 4.4, अनुसूचित जाति में 3.1 और अनुसूचित जनजाति में 3.53 प्रतिशत लोग ग्रेजुएट हैं.

सामान्य वर्ग में पढ़ाई-लिखाई के हर फिल्ड में कायस्थ सबसे आगे

सामान्य वर्ग में पढ़ाई-लिखाई के हर फिल्ड में कायस्थ सबसे आगे हैं. जाति गणना के शैक्षणिक आंकड़ों के विश्लेषण में यह बात सामने आयी है कि पढ़ाई-लिखाई के हर फिल्ड में कायस्थ अव्वल हैं. बात चाहे प्रोफेशनल डिग्री की हो या सामान्य डिग्री की, कायस्थों में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 2.7%, एमबीबीएस में 0.37% और स्नातक 29.38% हैं. दूसरे नंबर पर सैयद हैं, जिनमें इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 1.65% और एमबीबीएस 0.38% है. भूमिहार में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 1.42%, एमबीबीएस में 0.22% और स्नातक 17.70% हैं. ब्राह्मणें में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 1.06%, एमबीबीएस में 0.17% और स्नातक 16.95% है. वहीं, राजपूतों में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.92%, एमबीबीएस में 0.13% और स्नातक 15.41 प्रतिशत हैं.

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पिछड़े वर्ग में कुर्मी की स्थिति बेहतर

पिछड़ा वर्ग में कुर्मी समाज पढ़ाई के क्षेत्र में अन्य पिछड़ी जातियों की तुलना में आगे है. कुर्मी में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.75%, एमबीबीएस में 0.14% और स्नातक 9.55% है. वहीं, यादव समाज में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.18%, एमबीबीएस में 0.03% और स्नातक 5.46% हैं. कुशवाहा (कोइरी) में इंजीनियरिंग 0.32%, एमबीबीएस 0.08% और स्नातक 8.80% हैं. इसी प्रकार बनिया में इंजीनियरिंग 0.71%, एमबीबीएस में 0.13% हैं.

अति पिछड़ा वर्ग में तेली जाति के लोग पढ़ाई- लिखाई के मामले में आगे

अति पिछड़ा वर्ग में राज्य की सबसे बड़ी आबादी है. इसमें तेली जाति के लोग पढ़ाई- लिखाई के मामले में आगे हैं. इस समाज में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.31%, एमबीबीएस में 0.06% और स्नातक 7.57% हैं. वहीं, धानुक में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.11%, एमबीबीएस में 0.02% और स्नातक 4.46% हैं. जबकि, चंद्रवशी समाज में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.15%, एमबीबीएस में 0.02% और स्नातक 6.09% है.

अनुसूचित जाति में धोबी सबसे अधिक पढ़े-लिखे

इस वर्ग में सबसे अधिक पढ़े-लिखे लोग धोबी व रजक समाज से हैं. धोबी में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.26%, एमबीबीएस में 0.05% और स्नातक 7.54% हैं. दुसाध में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट .07%, एमबीबीएस में 0.02% और स्नातक 3.80% हैं. रविदास में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.07%, एमबीबीएस में 0.02% और स्नातक 3.62% है. मुसहर में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.00%, एमबीबीएस में 0.00% और स्नातक 0.18% हैं.

अनुसूचित जनजाति में सर्वाधिक स्नातक थारु समाज में..

बिहार में अजजा की आबादी तो बहुत नहीं है. इनमें संथाल में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.02%, एमबीबीएस में 0.01% और स्नातक 1.33% है. वहीं, गोंड में इंजीनियरिंग 0.14%, एमबीबीएस में 0.03% और स्नातक 4.18% है. थारु समाज में इंजीनियरिंग 0.05%, एमबीबीएस में 0.02% और स्नातक 6.84% हैं. खरवार में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट 0.37%, एमबीबीएस में 0.05%और स्नातक 4.89% है.

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