आरा : दानापुर रेल मंडल अंतर्गत आरा रेलवे स्टेशन पर आवंटित दो पहिया वाहनों का टेंडर निरस्त करने का मामला प्रकाश में आया है. इसके बावजूद वाहन स्टैंड में अवैध तरीके से वाहनों को खड़ा किया जा रहा है. इससे आनेवाले राजस्व का फायदा ठेकेदार को मिल रहा है. वहीं स्टैंड में वाहन खड़े करनेवाले यात्रियों को ठेकेदार एवं उसके गुर्गे निर्धारित रकम से ज्यादा रुपये लेकर मालामाल हो रहे हैं. अगर कोई यात्री इसका विरोध करता है,
तो उसके गुर्गे मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. सीधे-साधे यात्री रुपये देकर किसी तरह इज्जत बचा कर निकल जाते हैं, लेकिन अड़ियल रवैयावाले यात्रियों के साथ हर दिन नोक-झोंक होती रहती है. उस ओर रेलवे पुलिस प्रशासन का ध्यान नहीं जाता है. बता दें कि रेलवे प्रशासन के द्वारा आवंटित जगह से ज्यादा जगहों पर दो पहिया वाहनों को लगाया जाता है. लोगों की बातों पर विश्वास किया जाये, तो प्रतिदिन तकरीबन एक हजार से अधिक दो पहिया वाहन खड़े होते हैं, जिसमें ठेकेदार के आदमी अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर तकरीबन दो सौ से अधिक वाहनों को लगाते हैं. इससे रेलवे क्वार्टर हो या आरएमएस आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.