आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2015 में यूजी व पीजी की होनेवाली परीक्षाओं में प्राचार्यो व विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी बढ़ जायेगी. कम-से-कम पेंडिंग रिजल्ट को लेकर सभी की सहभागिता जरूरी है. वर्ष 2015 में स्नातक पार्ट वन, टू एवं थ्री के साथ-साथ पीजी सेमेस्टर थ्री की भी परीक्षा होनी है.
स्नातक स्तर की परीक्षाएं अगस्त व सितंबर माह में विश्वविद्यालय द्वारा ली जायेगी. इसकी जानकारी देते हुए प्रतिकुलपति डॉ लीला चंद साहा ने कहा कि परीक्षा होने के बाद रिजल्ट प्रकाशित होते ही कॉलेजों में टीआर भेजा जायेगा. रिजल्ट में अगर किसी प्रकार की त्रुटि रहती है, तो छात्रों को कॉलेज में ही आवेदन देना होगा. अब छात्र विश्वविद्यालय में रिजल्ट में सुधार के लिए नहीं आयेंगे.
प्राचार्यो की जिम्मेवारी बनती है कि अपने स्तर से नोटिस के माध्यम से छात्रों को यह बताये कि किसी प्रकार की त्रुटि के लिए आवेदन कॉलेज में कहा जमा करना है. त्रुटि से संबंधित सारे आवेदन इकट्ठा कर कॉलेज प्रशासन विश्वविद्यालय में भेजे, जिसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा एक-दो दिनों में उसे निष्पादित कर कॉलेज को भेज दिया जायेगा. इसके साथ कॉलेज प्रशासन रिजल्ट को छात्रों के बीच में वितरित करेंगे.
यह नियम इस वर्ष में होनेवाली सारी परीक्षाओं के बाद लागू कर दिया जायेगा. यहीं नियम विभागाध्यक्षों पर भी लागू रहेगा. पीजी की परीक्षाओं में होनेवाली किसी भी त्रुटियों के निराकरण के लिए छात्रों को विभागाध्यक्ष के पास आवेदन देना होगा.
विश्वविद्यालय अंतर्गत 17 अंगीभूत व 54 संबद्ध कॉलेज है, इन सभी कॉलेज के प्राचार्यो की जिम्मेवारी बनती है कि कम से कम त्रुटि पूर्ण रिजल्ट हो. इसको लेकर विश्वविद्यालय जारी गाइड लाइन का पालन करें.
उन्होंने कहा कि गत वर्ष हुई परीक्षाओं के त्रुटि पूर्ण रिजल्ट के निष्पादन के लिए परीक्षा विभाग कार्य कर रहा है. ईद की छुट्टी में भी परीक्षा विभाग कार्य करेगा. त्रुटिपूर्ण रिजल्ट के विश्वविद्यालय परीक्षा विभाग संकल्पित है.