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गरमी में झुलस रहे हैं लोग, न दिन को चैन, न रात को आराम
आरा : सूर्य की गरमी और पछुआ हवा ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. 10 बजते ही पछुआ हवा और गरमी के कारण सड़कें वीरान हो जा रही है. लू से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रह रहे हैं. वहीं घरों से बाहर निकलने के वक्त छतरी का सहारा ले रहे […]
आरा : सूर्य की गरमी और पछुआ हवा ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. 10 बजते ही पछुआ हवा और गरमी के कारण सड़कें वीरान हो जा रही है. लू से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रह रहे हैं. वहीं घरों से बाहर निकलने के वक्त छतरी का सहारा ले रहे हैं. पांच दिनों के अंदर तापमान में काफी बढ़ोतरी हुई है.
ऐसे में लू से बचने के लिए लोग पेय पदार्थो का अधिक सेवन कर रहे हैं. खास कर तरबूज, बेल का शरबत, नींबू पानी, खीड़ा, ककड़ी, ललमी, सत्तू की बिक्री बढ़ गयी है. लोगों को न दिन में चैन है और न रात में ही आराम मिल रहा है. हालांकि राहत की बात यह है कि बिजली रानी की कृपा जिले के लोगों पर बनी हुई है. पंखे भी गरम हवा दे रहे हैं. लोगों का हाल बेहाल है.
जिले में बिजली की आपूर्ति की स्थिति : जिले में बिजली आपूर्ति सुचारु ढंग से मिल रही है, जो लोगों के लिए राहत की बात है. जिले में 90 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, जो फिलहाल 70 मेगावाट बिजली जिले को आपूर्ति की जा रही है. शहर में 24 घंटे में 23 घंटे बिजली आपूर्ति मिल रही है, तो देहाती क्षेत्र में 16-17 घंटे तक विद्युत आपूर्ति की जा रही है, जिससे जिले के लोगों को थोड़ी राहत मिल रही है.
गरमी के दिनों इन बीमारियों का बढ़ जाता है प्रकोप : गरमी के दिनों में लू लगने से हाई फिभर, इनफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं शरीर में पानी की कमी होने से डीहाइड्रेशन का शिकार होना पड़ता है. गरमी के दिनों में भारी मात्र में वैकटिरिया उत्पन्न होने के कारण इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चों को गरमी में कौन-कौन से हो सकते हैं रोग : गरमी के दिनों बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए. बच्चों को धूप में न निकलने दें. वहीं तेज बुखार, उल्टी, दस्त होने की संभावनाएं बढ़ जाती है. इसके लिए बच्चों को हमेशा ओआरएस का घोल पिलाते रहना चाहिए, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. फिर भी बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से मिले.
डॉक्टरों ने बताएं बचाव के उपाय : गरमी के दिनों में होनेवाले रोगों से बचने के लिए फिजिसियन टीपी सिंह ने बताया कि तेज धूप में न निकले. अगर बहुत जरूरी हो, तो सर को ढक कर निकले. ज्यादा से ज्यादा पेय पदार्थो का सेवन करे. गरमी के दिनों में शरीर से बहुत मात्र में पसीने के जरिये पानी निकलता है, जिसकासंतुलन बनाये रखने के लिए पानी का सेवन ज्यादा करें. वहीं बीपी और हाट अटैक वाले रोगी को काफी सावधानी बरतनी चाहिए.
खान-पान में बरते सावधानी : गरमी के दिनों में खान पान का खासा ख्याल रखने की आवश्यकता है. नहीं तो आपका तबीयत खराब हो सकता है. गरमी के दिनों में बासी खाना कभी न खाये. खाना को ढक कर रखे. हमेशा ताजा पका हुआ खाना का ही सेवन करे. बरतनों को काफी साफ-सुथरा रखे, ताकि आप सुरक्षित रहे.
सदर अस्पताल में की गयी विशेष व्यवस्था : गरमी के दिनों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है. इसे देखते हुए सदर अस्पताल में मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गयी है. पानी व दवा की उपलब्धता रखी गयी है, ताकि डिहाइड्रेशन के शिकार मरीजों को पानी व दवा मिल सके. वहीं सभी चिकित्सकों को विशेष निर्देश दिया गया है.
पेय जल की स्थिति : गरमी को लेकर जिले के कई चापाकल सुख गये हैं, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं गरमी में कई जगहों के तालाब व पोखर सुख गये हैं, जिससे जानवरों को भी काफी परेशानी हो रही है. पानी का स्तर भी काफी नीचे चला गया है, जिस कारण कई मोटर पानी नहीं दे पा रहे हैं. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा भी पेयजल की व्यवस्था को लेकर किसी प्रकार का उपाय नहीं किया गया है.
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