कसेगा शिकंजा . अब मिट्टी खुदाई के लिए लेना पड़ेगा लाइसेंस
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अब मिट्टी माफियाओं पर सरकार की है नजर
कसेगा शिकंजा . अब मिट्टी खुदाई के लिए लेना पड़ेगा लाइसेंस आरा : बालू ढुलाई के बाद अब सरकार की नजर मिट्टी माफियाओं पर पड़ गयी है. सरकार अब अवैध मिट्टी खुदाई पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. इसको लेकर प्रशासन ने मिट्टी खुदाई के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है. मिट्टी का […]
आरा : बालू ढुलाई के बाद अब सरकार की नजर मिट्टी माफियाओं पर पड़ गयी है. सरकार अब अवैध मिट्टी खुदाई पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. इसको लेकर प्रशासन ने मिट्टी खुदाई के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है. मिट्टी का धंधा करनेवालों को अब बकायदा लाइसेंस लेना होगा और इसके बाद ही वें इसका काम कर सकते हैं. अवैध मिट्टी की खुदाई कर रहे माफिया अब प्रशासन की नजर में आ गये हैं. अवैध मिट्टी खुदाई से खेत की उर्वरक शक्ति कम होती जा रही है.
लाचार किसान औने- पौने दाम पर अपनी खेत मिट्टी खुदाई के लिए बेचने को मजबूर हैं. हालांकि इस संबंध कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि मिट्टी खुदाई से कहीं- कहीं खेत की शक्ति कम हो जाती है तो कहीं बढ़ भी जाती है. भोजपुर जिले में सबसे ज्यादा कोइलवर प्रखंड, शाहपुर प्रखंड, बड़हरा, जगदीशपुर व आरा सदर प्रखंड में मिट्टी की कटाई की जाती है.
देहाती क्षेत्रों में मिट्टी की होती है कटाई, शहरी क्षेत्रों में किया जाता है उपयोग : शहर में मकान बनाने के लिए गड्ढों को भरा जाता है, जिसके लिए मिट्टी की आवश्यकता होती है. देहाती क्षेत्रों में मिट्टी माफिया एकड़ के हिसाब से खेत खरीद लेते हैं और मिट्टी कटाई का काम करते हैं, जिसके कारण खेतों में गड्ढा हो जाता है. गड्ढे में पानी होने के कारण किसी अनहोनी घटना से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है.
आस-पास के लोग भी इससे प्रभावित होते हैं.
मिट्टी कटाई से जुड़े तथ्य
10 हजार एकड़ के हिसाब से बेची जाती है जमीन
200 रुपये फीट के हिसाब से मिट्टी की होती है कटाई
1000 रुपये टेलर बेची जाती है मिट्टी
मिट्टी कटाई से खेत की उर्वरक शक्ति होती है कम
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि ऊंची जगहों पर खेत होने के कारण मिट्टी की कटाई की जाती है कि ताकि जमीन समतल हो जाये और उसमें पानी आने का साधन बराबर लेबल पर आ जाये, जिसके कारण मिट्टी की कटाई खेत के लिए अच्छी मानी जाती है, लेकिन समतल जमीन पर स्थित खेत की कटाई होने से उसकी उर्वरक शक्ति खत्म हो जाती है. जब खेत बराबर होता है तो धीरे- धीरे उसमें उर्वरक शक्ति आ जाता है.
मिट्टी कटाई से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है, जिसके कारण खेत की मिट्टी डेढ़ से दो फुट कटवाते हैं. हम लोगों के इलाके में कई जगह खेत ऊंचा है.
किसान नंद कुमार, कोइलवर
खेतों में मिट्टी की कटाई से खेतों की उर्वरक शक्ति खत्म हो जाती है. ऊंची जगहों पर मिट्टी कटाई से खेत समतल हो जाता है, जिसमें फसल आसानी से पैदा किया जा सकता है. चिह्नित इलाकों में ही कटाई का काम होना चाहिए.
डॉ पीके द्विवेदी, कृषि वैज्ञानिक
ऊंची जगहों पर खेत होने के कारण जुताई- बोआई को लेकर खेत की मिट्टी कटवाई जाती है.इससे कुछ आय भी प्राप्त हो जाता है.
किसान नित्यानंद
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