कृषि भवन में ही है समाहरणालय, पर अधिकारियों को चिंता नहीं
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समाहरणालय के सामने जाम से परेशान
कृषि भवन में ही है समाहरणालय, पर अधिकारियों को चिंता नहीं आरा : कृषि भवन के पास आये दिन जाम से लोग परेशान रहते हैं, जबकि कृषि भवन में ही समाहरणालय भी चलता है. ऐसे महत्वपूर्ण कार्यालयों के पास जाम लगना प्रशासन के लिए काफी चिंता की बात है, पर अब तक इस पर कोई […]
आरा : कृषि भवन के पास आये दिन जाम से लोग परेशान रहते हैं, जबकि कृषि भवन में ही समाहरणालय भी चलता है. ऐसे महत्वपूर्ण कार्यालयों के पास जाम लगना प्रशासन के लिए काफी चिंता की बात है, पर अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कभी-कभी तो स्थिति ऐसी हो जाती है कि यहां वाहनों की कौन कहे, पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. कृषि भवन में समाहरणालय सहित अन्य कई कार्यालय भी चलते हैं, जहां जिले भर के लोग अपने कार्य के लिए प्रतिदिन पहुंचते हैं,
पर जाम से उनका काफी समय बर्बाद हो जाता है, वहीं कई अन्य तरह की परेशानी होती है. जाम के कारण सड़क प्राय: कराहते रहती है. समाहरणालय होने के कारण लगभग प्रतिदिन किसी न किसी संगठन द्वारा धरना, प्रदर्शन व सभा होती रहती है. इस कारण काफी संख्या में लोग जुटते रहते हैं. वहीं, बेतरतीब व्यवस्था के कारण जाम की स्थिति बन जाती है. इससे आवागमन ठप-सा हो जाता है. वहीं, बाहरी गाड़ियों के आने-जाने के लिए प्रमुख सड़कों में से एक है.
इसके सटे हुए ही अनुमंडल कार्यालय तथा प्रखंड व अंचल कार्यालय भी है. इस सड़क पर कई सरकारी कार्यालय होने के कारण स्वत: भीड़ लगी रहती है. भीड़ के कारण लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है, पर जाम से मुक्ति के लिए प्रशासन, सरकार अथवा अन्य किसी माध्यम द्वारा कोई पहल नहीं की जा रही है.
कोरम पूरा करती है पुलिस : कहने को तो नगर के कई चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस यातायात की व्यवस्था के लिए तैनात रहती है, पर सच्चाई यही है कि पुलिस केवल कोरम पूरा करती है. जाम के सामने मूकदर्शक और असहाय बनी रहती है. अब तक भोजपुर पुलिस द्वारा यातायात नियंत्रण के लिए प्रशिक्षित टीम तैयार नहीं की गयी है. यातायात पुलिस के नाम पर सामान्य सिपाहियों को चौक-चौराहों पर खड़ा कर दिया जाता है.
प्राय: उत्पन्न होती है महाजाम की स्थिति : यहां प्रतिदिन महाजाम लगता है. जाम से लोगों के समय की बर्बादी होती है. अप्रत्याशित रूप से पांच मिनट का रास्ता तय करने में आधा घंटा से अधिक लग जाता है. इस सड़क पर जाम लगने से आसपास की कई सड़कें बाधित हो जाती हैं. हालांकि सड़क की चौड़ाई कम नहीं है, फिर भी जाम प्रशासन के लिए चिंता का विषय है. जाम की स्थिति ऐसी होती है कि एक किलोमीटर दूर तक वाहनों का लंबा काफिला लग जाता है. इस कारण पैदल चलनेवालों को भी परेशानी होती है.
धरना-प्रदर्शन भी हैं जाम के कारण : कृषि भवन के आसपास जाम की समस्या के लिए आये दिन राजनीतिक दलों व संगठनों द्वारा दिया जाने वाला धरना-प्रदर्शन भी जिम्मेदार है. वहीं, कई सरकारी कार्यालयों के होने के कारण जिले भर के लोग अपने काम के लिए वाहनों से कार्यालय आते हैं. इसमें चारपहिया व दोपहिया सहित अन्य वाहन शामिल हैं. इससे जाम की स्थिति सहज ही बन जाती है. वहीं, यातायात नियंत्रण के लिए माकूल व्यवस्था नहीं है.
फुटपाथ की व्यवस्था से होगी सुविधा : फुटपाथ की व्यवस्था करने से जाम की समस्या से निजात पाने में सुविधा हो सकती है. पैदल यात्रियों द्वारा फुटपाथ का उपयोग करने से सड़कों पर से दबाव कम होगा. फुटपाथ की व्यवस्था नहीं होने के कारण पैदल यात्री मजबूरीवश सड़क पर ही चलते हैं.
प्रशासन के नाक तले जाम लगना सोचनीय विषय है. इस पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि नगर को जाम की समस्या से मुक्ति दिलायी जा सके. इसमें प्रशासन के साथ नगरवासियों को भी सहयोग करना चाहिए.
बच्चा दूबे
निगम का दर्जा देने के बाद भी नगर को जाम की समस्या से निजात नहीं दिलायी जा रही है. इस कारण नगरवासियों को काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन को इस पर कारगर कार्रवाई करनी चाहिए.
सोनू आलम
नगर की जनसंख्या काफी बढ़ गयी है. वहीं, वाहनों की संख्या भी काफी बढ़ गयी है, जबकि सड़कें उसी अवस्था में हैं. आरा-छपरा पुल बनने से भी सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ गया है. इसके लिए बाइपास रोड बनाया जाना चाहिए.
सुनील कुमार
जाम की समस्या नगर के लिए विकट समस्या है. आये दिन लोग परेशान होते रहते हैं. इसके लिए प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है. सरकार के स्तर पर भी किसी तरह के उपाय की योजना नहीं बनायी जा रही है.
मिंटू कुमार
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