हत्याकांड के मामले मे पुलिस प्रशासन के रवैये के खिलाफ लोगों ने खोला मोरचा
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कृष्ण कुमार हत्याकांड. सीबीआइ से कराएं जांच, नहीं तो होगा चक्का जाम
हत्याकांड के मामले मे पुलिस प्रशासन के रवैये के खिलाफ लोगों ने खोला मोरचा घटनास्थल पर की गयी श्रद्धांजलि सभा आरा : गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह हत्या के मामले में एक महीना बीत जाने के बाद नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की विफलता साबित करती है. पुलिस के इस लचीलेपन कार्रवाई से […]
घटनास्थल पर की गयी श्रद्धांजलि सभा
आरा : गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह हत्या के मामले में एक महीना बीत जाने के बाद नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की विफलता साबित करती है. पुलिस के इस लचीलेपन कार्रवाई से शहर के लोगों में आक्रोश है. बुधवार को स्थानीय मीरगंज स्थित पड़ाव, जहां कृष्ण कुमार सिंह की हत्या की गयी थी. वहां पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में समर्थक पहुंचे हुए थे. सभा के दौरान उनके समर्थकों द्वारा प्रेसवार्ता भी की गयी. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने पूरी घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की. तीन दिनों के अंदर सरकार सीबीआइ जांच के लिए पहल नहीं करती है,
तो पांच अगस्त को चक्का जाम करने का आह्वान किया गया है. प्रेसवार्ता के दौरान कृष्ण कुमार सिंह के भतीजे डॉ दिलीप सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा घटना को सुनियोजित साजिश के तहत भू- माफियाओं और असामाजिक तत्वों से मिल कर अंजाम दिया गया है. प्रशासन अगर इससे गंभीरता से लेती, तो कृष्ण कुमार सिंह की हत्या नहीं होती. इस मामले में पुलिस का रवैया ढीला है. अपराधी खुलेआम घूमते- फिरते हुए अपने मन मुताबिक न्यायालय में समर्पण कर रहे हैं. घटना को एक माह बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपित शूटरों की गिरफ्तारी न होना पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है. जबकि वहीं शूटर जेल में बैठे अपने आकाओं से रोजाना मोबाइल फोन पर बात करते हैं. बावजूद इसके पुलिस द्वारा किसी प्रकार का कार्रवाई नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि विगत 4 जनवरी, 2017 को पुलिस द्वारा एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए 144 के अनुशंसा की गयी थी, लेकिन प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई, जिसके कारण अपराधियों का मनोबल बढ़ गया, जिसके बाद कृष्ण कुमार सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी. इस घटना में जिले के वरीय पदाधिकारियों की भी संलिप्तता है. इसकी जांच होनी चाहिए, तब जाकर दूध का दूध और पानी का पानी होगा. दिलीप सिंह ने मांग की कि सीबीआइ जांच से ही इन तथ्यों का खुलासा होगा.
कृष्णा सिंह के भतीजे दिलीप सिंह ने डीएम व एसपी पर लगाया आरोप : कृष्ण कुमार सिंह के भतीजे दिलीप सिंह ने खुले मंच से कहा कि घटना के एक माह बीत जाने के बाद भी जिले के जिलाधिकारी और एसपी पीड़ित परिवार से मिलने तक नहीं आये. इससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि दोनों पदाधिकारी अपराधियों को अंदर से मदद कर रहे हैं. जनता को दिखाने के लिए लोगों द्वारा एसआइटी टीम का गठन किया गया है. क्या एसआइटी की टीम उच्चाधिकारियों के खिलाफ जांच कर पायेगी. प्रशासन की मिलीभगत इससे स्पष्ट जाहिर हो रही है. इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी रोष है. दिलीप सिंह ने कहा कि उच्चाधिकारी निचले स्तर को बुला कर समझाते थे कि इस मामले में किसी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं करनी है. पुलिस के कार्रवाई से यह साफ झलकता है कि पुलिस उन लोगों की मदद कर रही है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि रिमांड पर लिये गये आरोपितों को कुरसी देकर पुलिस अपने थाने में बैठाती है. आम अपराधियों जैसा व्यवहार उन लोगों के साथ नहीं किया गया.
घटना के एक माह बीत जाने के बाद भी कई नामजद अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर : घटना को एक माह बीत जाने के बाद भी घटना में शामिल शूटरों की गिरफ्तारी नहीं हुई. इसको लेकर पुलिसिया कार्रवाई पर कई सवाल खड़े होते हैं. अब भी नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है. घटना के मुख्य आरोपित नइम मियां, टिबुआ, ढिबला सहित कई नामजद आरोपित आज भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है. हालांकि इस मामले में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है लेकिन कोई सफलता हासिल नहीं हुई है.
प्रशासनिक चूक के कारण हुई कृष्ण कुमार सिंह की हत्या : सभा के दौरान कई लोगों ने पुलिस प्रशासन पर कृष्ण कुमार सिंह की हत्या का ठिकरा फोड़ा. लोगों ने कृष्ण कुमार सिंह की हत्या प्रशासनिक चूक के कारण होना बताया. वक्ताओं ने बताया कि पुलिस ससमय कार्रवाई करती, तो उनकी हत्या नहीं होती. नगर थाना पुलिस द्वारा उस समय आरोपितों पर कार्रवाई की गयी होती, तो आज ये दिन देखने नहीं पड़ते. कृष्ण कुमार सिंह ने साहस का परिचय देते हुए भू- माफियाओं के खिलाफ मोरचा खोल दिया और लड़ते रहे. इस दौरान लोगों ने कृष्ण कुमार सिंह अमर रहे का नारा भी लगाया.
क्षत्रिय विचार मंच ने भी जताया विरोध : इस घटना से गुस्साये लोगों ने पूरी घटना की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. शाहाबाद क्षत्रिय विचार मंच के अध्यक्ष बबन सिंह ने एलान किया है कि तीन दिन के भीतर सरकार अगर सीबीआइ जांच की अनुशंसा नहीं करती है, तो पांच अगस्त को भोजपुर का चक्का जाम कर दिया जायेगा. इस घटना को लेकर क्षत्रिय समाज में काफी रोष है. बबन सिंह ने बताया कि क्षत्रीय समाज अभी तक चुपचाप सरकार और प्रशासन को देख रहा है. प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई से लोग असंतुष्ट है. अगर प्रशासन कार्रवाई नहीं करती है, तो सड़क पर प्रदर्शन भी किया जायेगा.
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