इसमें दो अहम मुद्दा एग्रीमेंट और सुरक्षा व्यवस्था की है. पदाधिकारी के द्वारा सारे दुकानदार को आवंटन एवं संचालन की अनुमति दी गयी है, मगर इसमें किसी भी प्रकार के तकनीकी प्रावधान के बारे में व्यवसायी को न तो बताया गया और न ही कहीं आगे जाने की अनुमति दी गयी है. बागबाड़ी हाट में 1460 दुकानें आवंटित हुई है, जिसमें से किसी का भी एग्रीमेंट नहीं हुआ है. इससे दुकानदार खुद को अस्थायी मानते हैंं. यहां दुकानदारों ने जेवरात बेच कर और महाजन से कर्ज लेकर इस उम्मीद पर दुकानें खोली है कि एक न एक दिन उनकी दुकानदारी सफल होगी. दुकानदार उमाशंकर साह ने बताया कि एग्रीमेंट के बिना बिजली कनेक्शन नहीं मिल रहा है. सुरक्षा की व्यवस्था नहीं रहने से आये दिन चोरी होती रहती है. थाने में शिकायत नहीं ली जाती है. चहारदीवारी बेहद जरूरी है, अन्यथा आने वाले दिनों में शेड का नट-बॉल्ट तक गायब हो जायेगा.
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बागबाड़ी को बसाना है. गलती प्रशासन की क्यों भुगतें 1500 दुकानदार, पहले मालिकाना हक तो दिलाओ
प्रभात खबर अपने सामाजिक सरोकार के तहत आम लोगों की समस्याओं को उठाने का मंच उपलब्ध कराता है, उनकी आवाज बनता है. उन समस्याओं के समाधान का यथासंभव प्रयास करता है. इस क्रम में शुक्रवार को बागबाड़ी हाट में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बागबाड़ी के दुकानदारों ने अपनी समस्याएं बतायी. […]
प्रभात खबर अपने सामाजिक सरोकार के तहत आम लोगों की समस्याओं को उठाने का मंच उपलब्ध कराता है, उनकी आवाज बनता है. उन समस्याओं के समाधान का यथासंभव प्रयास करता है. इस क्रम में शुक्रवार को बागबाड़ी हाट में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बागबाड़ी के दुकानदारों ने अपनी समस्याएं बतायी. हमारी कोशिश है कि बागबाड़ी के दुकानदारों की समस्याओं का हरसंभव निदान हो, बागबाड़ी हाट बसे. हम बागबाड़ी हाट व वहां के दुकानदारों की समस्याओं को लगातार प्रकाशित करते रहेंगे.
भागलपुर: प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम के लिए शुक्रवार को प्रभात खबर की टीम बागबाड़ी हाट पहुंची. यहां प्रभात खबर के बैनर तले दुकानदार व स्थानीय लोग शामिल हुए और बाजार की समस्याओं से रूबरू कराया. बागबाड़ी हाट के मुद्दे पर सभी दुकानदारों का लगभग एक ही बात कहना रहा कि सरकार यहां की नौ मूलभूत समस्याओं का समाधान करे, तो दुकानें खुलेगी और यहां की रवानगी लौट आयेगी. दरअसल, बागबाड़ी में हाट पूरी तरह कब तक बसेगा और कितना सफल होगा यह सवाल साल भर से यथावत है.
दुकानदारों ने कहा-आरोप किसी पर नहीं है, केवल समस्या का हो समाधान
कार्यक्रम के दौरान मौजूदा दुकानदारों का कहना रहा कि उनका किसी पर आरोप नहीं है. बस वे चाहते हैं कि समस्या का समाधान हो जाये. जो मांगें है, वे पूरी की जायें. दुकानदारी सही से होती रहे और कमाने खाने लायक पैसा आते रहे. अगर तत्कालीन एसडीओ कुमार अनुज ने गलती की है, तो उनको उनकी गलती का सजा मिले. समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि रसीद 1500 रुपये की भले ही मिली, मगर 3500 रुपये से नीचे किसी से नहीं लिया गया है. दरअसल मंशा ही ठीक नहीं था.
खुले विभागीय दफ्तर, तो बागबाड़ी हाट की बढ़ेगी रौनक : दुकानदारों ने नौ मूलभूत समस्याओं के समाधान होने के अलावा यहां किसी भी विभाग का कोई भी दफ्तर खोलने की मांग किया. इससे यहां की रौनक हमेशा बनी रहेगी. दुकानदारों ने जगदीशपुर हाट का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि जगदीशपुर में कई सरकारी दफ्तर हैं. इससे लोगों की आवाजाही बनी रहती है, जिससे हाट-बाजार की रौनक बरकरार है.
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