भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में विभूतियों के नाम पर पहली बार चेयर स्थापित होंगे. प्रो केएस बिलग्रामी, प्रो जेएस दत्तामुंशी, रामधारी सिंह दिनकर, शरत चंद्र चटोपाध्याय जैसे विद्वानों के नाम पर टीएमबीयू में चेयर स्थापित करने की पहली बार पहल की गयी है. टीएमबीयू द्वारा यूजीसी को प्रस्ताव जल्द भेजा जायेगा. यूजीसी की हरी […]
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में विभूतियों के नाम पर पहली बार चेयर स्थापित होंगे. प्रो केएस बिलग्रामी, प्रो जेएस दत्तामुंशी, रामधारी सिंह दिनकर, शरत चंद्र चटोपाध्याय जैसे विद्वानों के नाम पर टीएमबीयू में चेयर स्थापित करने की पहली बार पहल की गयी है. टीएमबीयू द्वारा यूजीसी को प्रस्ताव जल्द भेजा जायेगा.
यूजीसी की हरी झंडी मिलने के बाद ग्रांट मिलेगी. इन विभूतियों के जीवन पर रिसर्च होगा. छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा. कुलपति प्रो एनके झा ने सिंडिकेट की बैठक में फैसला लेने के बाद 15 दिनों में प्रपोजल तैयार करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि चेयर की अवधि अधिकतम पांच सालों तक के लिए होती है. बिलग्रामी चेयर फॉर बॉटनी, दत्ता चेयर फॉर जूलोजी की स्थापना कर उनके जीवन पर रिसर्च किया जायेगा. इसके तहत सेमिनार व पब्लिकेशन होगा.
पिता व शिक्षक के नाम पर टॉपर को दे सकेंगे गोल्ड मेडल : कोई भी अपने पिता व शिक्षक के नाम पर टीएमबीयू के टॉपर को गोल्ड मेडल दे सकते हैं. गोल्ड मेडल देने के लिए इच्छुक व्यक्ति विश्वविद्यालय के कोष में रकम जमा करवायेंगे. कितना रुपया लिया जायेगा, यह एफओ डिसाइड करेंगे. रुपया जमा करने के बाद इसके ब्याज से गोल्ड मेडल दिया जायेगा.
टीएमबीयू में विदेशी भाषाओं की भी पढ़ाई : टीएमबीयू में विदेशी भाषाओं की पढ़ाई भी शुरू हो सकती है. इसकी पहल करते हुए वीसी ने कहा कि स्पेनिश व फ्रेंच जैसी भाषाओं की पढ़ाई शुरू करने के लिए वह प्रयासरत हैं. सिंडिकेट की बैठक में रजिस्ट्रार प्रो आशुतोष प्रसाद, डीएसडब्लयू प्रो उपेंद्र साह, प्रो ज्योतिंद्र चौधरी, डॉ हरपाल कौर, प्रो गुरुदेव पोद्दार, डॉ शैलेश प्रसाद सिंह, डॉ रामपूजन सिंह आदि मौजूद थे.
एरिया स्टडी के लिये बांग्लादेश व नेपाल जायेंगे शिक्षक व विद्यार्थी : बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में अभी तक एरिया स्टडी की शुरुआत नहीं हो पायी है. नये कुलपति प्रो एनके झा ने कहा कि एरिया स्टडी के तहत शिक्षक व छात्र पड़ोस के देश नेपाल, बांग्लादेश, भूटान के बारे में स्पेशिफिक स्टडी कर पायेंगे. स्टडी के लिए सेंटर खुलेंगे. इन देशों पर रिसर्च होगा. शिक्षक व टीचर इन देशों में जाकर भी रिसर्च करेंगे. यूजीसी इसके लिए पैसा देती है.
दिनकर सृजन पीठ का प्रस्ताव यूजीसी में लंबित
टीएमबीयू ने दिनकर सृजन पीठ की स्थापना के लिए वर्ष 2015 में प्रस्ताव तैयार कर यूजीसी को भेजा था. पीठ की स्थापना हो जाती, तो यहां दिनकर के साहित्य, विचार, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय नीति को जन-जन तक पहुंचाने का काम शुरू होता. विवि के निर्देश पर पीजी हिंदी विभाग के शिक्षक प्रो नृपेंद्र प्रसाद वर्मा ने प्रस्ताव तैयार किया था. प्रो वर्मा रिटायर कर गये. तत्कालीन कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे व प्रतिकुलपति प्रो एके राय का कार्यकाल भी समाप्त हो गया. लेकिन पीठ की स्थापना की अनुमति यूजीसी से नहीं मिली.