मामला एलएलएम सत्र 2008-10 का
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फेल छात्रा को किया पास सात साल बाद खुलासा
मामला एलएलएम सत्र 2008-10 का छात्रा प्रथम वर्ष में फेल फिर भी पार्ट-2 में हो गया नामांकन भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि के परीक्षा विभाग में रिजल्ट को लेकर बड़ी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. सात साल पहले सत्र 2008-10 के तहत एलएलएम के रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आयी है. एलएलएम प्रथम वर्ष में […]
छात्रा प्रथम वर्ष में फेल फिर भी पार्ट-2 में हो गया नामांकन
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विवि के परीक्षा विभाग में रिजल्ट को लेकर बड़ी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं. सात साल पहले सत्र 2008-10 के तहत एलएलएम के रिजल्ट में बड़ी गड़बड़ी सामने आयी है. एलएलएम प्रथम वर्ष में फेल छात्रा को पास कर दिया गया है. यहां तक कि द्वितीय वर्ष में भी छात्रा फेल है. इसके बाद भी टीआर में छात्रा सेकेंड क्लास में पास कर दी गयी.
फेल छात्रा को…
यही नहीं, छात्रा के रजिस्ट्रेशन में भी फेरबदल कर दिया गया है.
फेल शब्द को काट कर किया गया सेकेंड क्लास पास
छात्रा रश्मि का प्रथम वर्ष में रजिस्ट्रेशन नंबर 298/2007 है. वहीं द्वितीय वर्ष में रजिस्ट्रेशन नंबर बदल कर 48/2007 कर दिया गया है. छात्रा ने 2008 में एलएलएम प्रथम वर्ष की परीक्षा दी थी. इसमें छात्रा को 188 नंबर आया और फेल कर गयी. फिर छात्रा ने वर्ष 2009 में परीक्षा दी. लीगल थ्योरी में 30 नंबर आया और फेल कर गयी. छात्रा को कुल 203 नंबर था. इसके बाद भी छात्रा का एलएलएम के दूसरे वर्ष में नामांकन लिया गया. वर्ष 2010 में छात्रा ने द्वितीय वर्ष की परीक्षा दी. इसमें भी छात्रा फेल कर गयी.
छात्रा को कुल 408 नंबर आये थे. सबसे चौंकाने वाली बात है कि टीआर में छात्रा फेल है. फेल शब्द को काट कर छात्रा को सेकेंड क्लास में पास किया गया है.
विवि से कैसे जारी किया गया रजिस्ट्रेशन
टीआर में पूर्व के परीक्षा नियंत्रक प्रो राजीव रंजन पोद्दार के हस्ताक्षर के बाद छात्रा को पास किया गया है. सवाल उठने लगा है कि एलएलएम में प्रथम वर्ष में पास किये बिना दूसरे वर्ष में नामांकन नहीं होते है. प्रथम वर्ष की परीक्षा पास करना अनिवार्य है. लेकिन छात्रा के रजिस्ट्रेशन नंबर से लेकर टीआर तक में गड़बड़ी ही है. विवि से कैसे दोबारा रजिस्ट्रेशन जारी किया गया. छात्रा को परीक्षा में कैसे शामिल किया गया. इतनी गड़बड़ी होने के बाद भी विवि प्रशासन ने जांच क्यों नहीं किया. लॉ कॉलेज से लेकर परीक्षा विभाग पर कई सवाल उठने लगे हैं. छात्रा मुजफ्फरपुर की रहने वाली है.
दबाव के कारण हुई चूक
पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो राजीव रंजन पौद्दार ने बताया कि छात्रा के रिजल्ट को वापस लिया जा चुका है. एलएलएम प्रथम वर्ष पास करने के बाद ही द्वितीय वर्ष में नामांकन लिए जाते हैं. परीक्षा नियंत्रक पर कामों का काफी दबाव होता है. कहीं न कहीं उनसे चूक हुई है. इसके कारण टीआर पर उनका हस्ताक्षर है. उन्होंने सवाल उठाया कि छात्रा रश्मि को कॉलेज ने ही द्वितीय वर्ष में नामांकन कराने के बाद परीक्षा में शामिल किया है. इसकी जवाबदेही कॉलेज प्रशासन की होनी चाहिए. लॉ कॉलेज व परीक्षा विभाग के लोगों की मदद से यह सब कराया गया है. उन्होंने सिर्फ टीआर में हस्ताक्षर ही किया है.
मामला संज्ञान में आने पर जांच की जायेगी. टीआर में गड़बड़ी मिली है, तो शुक्रवार को संबंधित कर्मचारी को टीआर के साथ बुलाया जायेगा. इसकी जांच की जायेगी.
प्रो क्षेमेंद्र कुमार सिंह, कुलपति, टीएमबीयू
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