भागलपुर: बिजली बिल ज्यादा आ गया है, महीनों से बिल नहीं मिला है, पिछले माह जमा करने के बावजूद बिल जुट गया है. कोई बात नहीं. जो सही लगता है, अंदाज से जमा कर दीजिए. जी हां, यही कहना है शहर को बिजली वितरण की जिम्मेदारी लेने वाली निजी कंपनी बीइडीसीपीएल का. बिजली के निजीकरण से हालात सुधरेंगे, बिल सही और समय पर आयेगा और ऐसी ही अन्य उम्मीदें शहरवासियों ने निजीकरण से पूर्व लगा रखी थी.
दो महीने के अंदर ही उम्मीद आक्रोश में बदलने लगा है. शुक्रवार को कचहरी चौक स्थित कार्यालय में लंबी कतार और हाथ में शिकायत लिए असंतुष्ट व आक्रोशित उपभोक्ताओं की भीड़ का जो नजारा था, उसे देख कर आने वाले दिनों में हंगामा होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
इन दिनों शहर के बिजली उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में भारी परेशानी हो रही है. कोई असीमित बढ़े बिल से परेशान है, तो कोई पिछले बिल का समायोजन न होने से. मामला साफ है कि उक्त सारी समस्याओं की जड़ मीटर रीडिंग, बिल वितरण और पिछले जमा बिल के समायोजन के प्रति कंपनी की ओर से बरती गयी लापरवाही है. बीइडीसीपीएल की दलील है कि औसत व अंदाज के आधार पर जो सही लगता हो, जमा कर दें. कंपनी के कर्मचारी एरियर घटाने में असमर्थता जता रहे हैं. कंपनी के कार्यालय में बिल का लेजर बुक तक उपलब्ध नहीं है. बिल के समायोजन कंपनी अगले माह करने का दावा कर रही है, जबकि परिस्थितियां सामान्य व सुचारु करने के लिए कंपनी ने छह माह का समय मांगा है.