भागलपुर : सफदर हाशमी ने एक बेहतर समाज का सपना देखा था. उसे साकार करना आखिर किनकी जिम्मेवारी है. हर सान दो जनवरी इसी सवाल को दाेहराता है. वह लोगों के बीच जाकर लोगों की समस्या को समझते और उनकी पीड़ा को नुक्कड़ नाटक व गीतों के माध्यम से प्रदर्शित करते थे. उक्त बातें संस्कृतिकर्मी डॉ चंद्रेश ने सोमवार को दिशा जन सांस्कृतिक मंच, आलय संस्था एवं संबंध के संयुक्त तत्वावधान में स्टेशन परिसर में सफदर हाशमी की शहादत दिवस पर आयोजित नुक्कड़ नाटक,
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सफदर ने देखा था बेहतर समाज का सपना
भागलपुर : सफदर हाशमी ने एक बेहतर समाज का सपना देखा था. उसे साकार करना आखिर किनकी जिम्मेवारी है. हर सान दो जनवरी इसी सवाल को दाेहराता है. वह लोगों के बीच जाकर लोगों की समस्या को समझते और उनकी पीड़ा को नुक्कड़ नाटक व गीतों के माध्यम से प्रदर्शित करते थे. उक्त बातें संस्कृतिकर्मी […]
काव्य पाठ एवं वक्तव्य के दौरान कही. डॉ चंद्रेश ने मंच का संचालन करते हुए कार्यक्रम का परिचय कराते हुए कहा कि दिल्ली में हल्ला बोल नाटक का मंचन करने के दौरान 27 वर्ष पहले एक जनवरी को सफदर हाशमी पर गुंडों ने हमला कर दिया, जिससे उनकी मृत्यु दो जनवरी को हो गयी. प्रो उदय , इप्टा के विजय ने, दिशा के दशरथ प्रसाद व टीम ने सफदर हाशमी की रचना के बारे में बताया. नुक्कड़ नाटक का मंचन कर सफदर को किया याद : संबंध की ओर से वर्तमान समस्या पर आधारित नाटक भूखे रहने के दिन आये का मंचन किया गया.
इसके बाद आलय के कलाकारों ने हवालात नाटक, तो समवेत की ओर से मत बांटो इनसान को नाटक का मंचन किया. इस मौके पर उदय, पीएन जायसवाल, चैतन्य प्रकाश, रितेश, प्रवीर, ललन, हबीब मुर्शीद, संजीव कुमार दीपू, रामपूजन, कपिलदेव रंग आदि उपस्थित थे.
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