पूर्वी शहर में सात और सबौर में नौ दिसंबर को दिन भर नहीं थी बिजली
Advertisement
बिजली कटौती का खेल
पूर्वी शहर में सात और सबौर में नौ दिसंबर को दिन भर नहीं थी बिजली दोपहर 11 से शाम चार बजे तक रहेगी बिजली बंद भागलपुर : आपूर्ति लाइन मेंटेनेंस के नाम पर जिस इलाके में पहले बिजली कटी थी, उस इलाके में अब दोबारा कटौती होने लगी है. फ्रेंचाइजी कंपनी की मनमानी पर प्रशासनिक […]
दोपहर 11 से शाम चार बजे तक रहेगी बिजली बंद
भागलपुर : आपूर्ति लाइन मेंटेनेंस के नाम पर जिस इलाके में पहले बिजली कटी थी, उस इलाके में अब दोबारा कटौती होने लगी है. फ्रेंचाइजी कंपनी की मनमानी पर प्रशासनिक पदाधिकारी संज्ञान तक नहीं ले रहे हैं. इसके चलते उपभोक्ताओं की परेशानी दोगुनी हो गयी है. फ्रेंचाइजी कंपनी ने मेंटेनेंस के नाम पर बुधवार को बरारी और सबौर विद्युत उपकेंद्र की बिजली को दोपहर 11 से शाम चार बजे तक बंद रखने का फैसला लिया है. इससे पहले बरारी सात दिसंबर को और सबौर नौ दिसंबर को पांच घंटे बंद रखा था. बरारी विद्युत उपकेंद्र बंद रहने से पूर्वी शहर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
बरारी विद्युत उपकेंद्र की लाइन पर ही सेंट्रल जेल और मायागंज विद्युत उपकेंद्र स्थापित है. यह दोनों विद्युत उपकेंद्र बरारी के साथ बंद रहेगा और पूर्वी शहर से बिजली गायब रहेगी. सबौर विद्युत उपकेंद्र के बंद रहने से सबौर से घोघा तक दोबारा बिजली बंद रहेगी. बिजली आपूर्ति में कटौती का जारी सिलसिला के तहत मंगलवार को गोराडीह और पकड़तल्ला विद्युत उपकेंद्र की बिजली बंद रखी गयी. गाेराडीह विद्युत उपकेंद्र की पहले छह दिसंबर को छह घंटे तक बिजली कटी थी. दोबारा दोपहर 11 से शाम चार बजे तक बिजली काट कर रखी गयी. इसके चलते गोराडीह विद्युत उपकेंद्र के तीन फीडर चकदरिया, गोराडीह, माछीपुर एवं पकड़तल्ला के चार फीडर नंदलालपुर, शिवनारायणपुर, कहलगांव व एकचारी की बिजली आपूर्ति प्रभावित रही. मंगलवार को पुलिस लाइन में तार गिरने से घंटे भर से ज्यादा देर तक बिजली बंद रही. मिरजानहाट फीडर को लगभग ढाई घंटे तक शट डाउन पर रखा गया. इस पूरे मामले में फ्रेंचाइजी कंपनी के सहायक विद्युत अभियंता (लीगल) अंशुमान मिश्रा ने बताया कि मेंटेनेंस का काम पूरा नहीं होने के चलते दोबारा कराया जा रहा है.
गर्भवतियों और नवजात की करें देखभाल
भागलपुर. ठंड में गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुआें का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है. थोड़ी-सी लापरवाही उनको बड़ी परेशानी में डाल सकती है. जानिए बचाव के खास टिप्स :
अपनी नाक को बार-बार साफ करें, जिससे कंजेशन न हो.
सर्दी-जुकाम की दवा की बजाय भाप लें, इससे जमा कफ ढीला होकर बाहर निकल जायेगा.
खाते-पीते रहें, हॉट ड्रिंक-हॉट फूड अधिक लें.
परतों में कपड़े पहनें ताकि ठंड का मुकाबला कर सकें.
ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें.
शरीर गरम करने के लिए हीटर के सामने न बैठें. इससे बच्चों को खतरा हो सकता है.
सर्दी-जुकाम में नींद आना थोड़ा मुश्किल हो जाता है, इसलिए लेट कर थोड़ा आराम करें.
उत्तर भारत में इंफ्लूएंजा का प्रकोप अधिक होता है. गर्भवती महिलाएं उसके पहले ही वैक्सीन ले लें, तो अधिक फायदेमंद होगा.
नवजात की सुरक्षा
कमरा गरम रखें. लेकिन हीटर या खुले आग का इस्तेमाल न करें.
दो-तीन दिन छोड़ कर नहलाएं. गुनगुने पानी में तौलिया भिंगोकर स्पंजिंग करें.
रोजाना 10 से 15 मिनट मालिश जरूर करें. मालिश हमेशा नीचे से ऊपर करनी चाहिए.
लकवा
लकवे की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि सर्दी में खून की नलियां सिकुड़ जाती हैं, जिससे खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. इस माैसम में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों में लकवे का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. इससे बचने के लिए समय-समय पर ब्लड प्रेशर की जांच कराते रहना जरूरी है.
हाइपोथर्मिया
सर्दियों में अगर शरीर का ताप 34-35 डिग्री से नीचे चला जाये तो उसे हाइपोथर्मिया कहते हैं. इसमें हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है. हार्ट बीट बढ़ जाती है, ब्लड प्रेशर कम हो जाता है.
अस्थमा (दमा)
यह एक एलर्जिक बीमारी है. जिन लोगों को यह बीमारी होती है, इस मौसम में उनकी तकलीफ बढ़ जाती है. सर्दियों में कोहरा बढ़ जाता है. एलर्जी के तत्व इस मौसम में कोहरे से आसपास ही रहते हैं, हवा में उड़ते नहीं हैं. इन तत्वों से अस्थमा के रोगियों को अधिक तकलीफ होती है. इस कारण इस मौसम में ऐसे लोगों के लिए धूल-मिट्टी से बचना बहुत जरूरी है. दवा खा रहे हैं तो उसे नियमित रूप से लें. कोई दवा चूकें नहीं, क्योंकि ऐसे में एलर्जेंट अटैक कर सकते हैं.
बेल्स पाल्सी
इसे फेसियल पैरालिसिस कहते हैं. यह सर्दियों में बड़ा सामान्य है. इसमें मुंह टेढ़ा आैर आंख खराब हो सकती है. कान के पास से सेवेंथ क्रेनियल नस गुजरती है, जो तेज ठंड होने पर सिकुड़ जाती है. इससे यह बीमारी होती है. इसमें मुंह टेढ़ा और मुंह से झाग निकलने लगता है. बोलने में जबान लड़खड़ाने लगती है और आंख से पानी आने लगता है. अगर आप लंबे समय तक ठंड में हैं तो कान की उस नस को नुकसान हो सकता है. खासकर ड्राइविंग करने वाले, रात में बिना सिर को ढंके कहीं जाने वालों में इसका खतरा ज्यादा रहता है, मफलर का प्रयोग करें.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement