बैंकों में लोगों की उमड़ी भीड़, जरूरी आवेदनों पर बैंककर्मी नहीं दे रहे ध्यान
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सरकार ने जब से नोटबंदी का फैसला लिया है, तब से उड़ी है बैंककर्मियों की नींद
बैंकों में लोगों की उमड़ी भीड़, जरूरी आवेदनों पर बैंककर्मी नहीं दे रहे ध्यान भीड़ के हिसाब से काम निबटाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं हो रहे थे बैंककर्मी भागलपुर : बैंक से कर्ज लेकर अपने कारोबार को मुकाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको कुछ दिनों तक इंतजार करना होगा. नोटबंदी […]
भीड़ के हिसाब से काम निबटाने में पूरी तरह से सक्षम नहीं हो रहे थे बैंककर्मी
भागलपुर : बैंक से कर्ज लेकर अपने कारोबार को मुकाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको कुछ दिनों तक इंतजार करना होगा. नोटबंदी से लोगों की जो परेशानी है, उसी परेशानी से बैंकों के कर्मचारी भी जूझ रहे हैं. सरकार ने जब से नोटबंदी का फैसला लिया है, तब से बैंककर्मियों की नींद उड़ गयी है. बैंकों में जिस तरह से लोग पहुंच रहे हैं, उस हिसाब से उनका काम निबटाने में बैंककर्मी पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं. इसकी मुख्य वजह बैंकों में कर्मचारियों की कमी है. ऋण धारकों के आवेदन पर लंबित पड़े हैं. बैंक ऋण देने का काम नहीं कर पा रहे हैं. बैंक अधिकारी के अनुसार बैंकिंग कार्य धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है. नये साल से ऋण मिलने की उम्मीद की जा सकती है. जिले के सभी क्षेत्रों में 29 बैंकों के 235 शाखा है. कमोबेश सभी बैंकिंग शाखाओं में जरूरतमंदों के ऋण के आवेदन लंबित पड़े हैं.
बैंक समय पर होता बंद, बैंक कर्मियों को देर तक करना पड़ता काम. बैंकों को समय से बंद कर दिया जाता है, लेकिन बैंककर्मियों को उसके बाद भी काम करना होता है. दिन भर का हिसाब-किताब करने के साथ-साथ पुराने नोटों को आरबीआइ तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की होती है. एटीएम में पैसा पहुंचाना टेढ़ी खीर है. हकीकत यह है कि बैंकों से नोटों को निकाल कर एटीएम तक पहुंचाने के लिए ज्यादा लोग नहीं है. इन लोगों को दिन-रात काम करना पड़ रहा है. बैंक कर्मचारियों की दूसरी समस्या यह है कि करेंसी चेस्ट में 500 व 1000 रुपये के पुराने नोटों का भंडार है. इसके चलते करेंसी चेस्ट में अन्य नोट रखने की जगह नहीं बची है. हालांकि बैंक इन नोटों को आरबीआइ तक पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिये हैं. एक तरफ लोगों की भीड़ है, तो दूसरी तरफ जरूरी काम है. इससे ऋण के आवेदनों पर ध्यान नहीं दे सके हैं.
यह हैं ऋण के प्रकार, जिसके लिए बैंकों में आये आवेदन. आवास ऋण, गृह ऋण, लघु व्यवसाय ऋण, घर सुधार ऋण, कार ऋण, दो-पहिया वाहन के लिए ऋण, शिक्षा ऋण, व्यापार ऋण, सिक्यूरिटी डिपोजिट के एवज में ऋण, कृषि ऋण, व्यक्तिगत ऋण आदि के लिए बैंकों में आवेदन आये हैं.
नोटबंदी से बैंक कर्मी लेनदेन में व्यस्त रहे, जिससे ऋण के आवेदन लंबित पड़े हैं. अब बैंकिंग कार्य लगभग सामान्य हो चुका है. आवेदनों पर ऋण देने का काम होगा. लोग नये साल से ऋण मिलने की उम्मीद कर सकते हैं.
आनंद मोहन दास, अग्रणी बैंक जिला
प्रबंधक, भागलपुर
आधुनिक शौचालय से बच्चों को होगी सुविधा
फीता काट कर शौचालय का उद्घाटन करते मेयर दीपक भुवानिया.
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