भागलपुर : वेतन आने के दूसरे दिन शुक्रवार को शहरी क्षेत्रों के बैंकों में दोपहर के बाद भीड़ सामान्य रही. जितनी भीड़ थी, उसके अनुपात में बैंकों के पास पर्याप्त पैसे नहीं थे. एटीएम के बाहर भीड़ अवश्य रही. लोगों की लाइन खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी. लोगों को रुपये की निकासी में काफी परेशानी हुई. खासकर उन वेतनधारियों को जो सैलरी आने के बाद पहले दिन गुरुवार को खाते से रुपये नहीं निकाल सके. दूसरे दिन शुक्रवार को उन्होंने भरपूर कोशिश की, फिर भी पैसा नहीं निकला. महीना खत्म होते किराने की दुकान व दूध का हिसाब करना है. महीना शुरू होने से कई ऐसे जरूरी खर्चे हैं, जिनके लिए कैश की जरूरत है.
कैसे मैनेज होगा, समझ में नहीं आ रहा है. उक्त बातें लाइन में लगे वेतनधारी कर रहे थे. एटीएम के लाइन में लगे बिजली विभाग के आलोक कुमार व दीपक कुमार ने बताया कि खुद का पैसा रहते भुखमरी की नौबत आ गयी है. यही हाल रहा, तो दूध वाले, मकान मालिक, पेपर वाले, वैन वाले आदि के बेरुखी का सामना करना पड़ सकता है. आरबीआइ से पर्याप्त कैश सप्लाई नहीं होने से ज्यादातर बैंकों की शाखा और एटीएम खाली रहे. प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के ग्राहकों को सरकारी बैंकों के ग्राहकों के मुकाबले ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा. कई प्राइवेट बैंकों की शाखाओं में दोपहर तक कैश खत्म हो गया था. सरकारी बैंकों में एसबीआइ से कैश देर तक मिलता रहा. प्राइवेट बैंकों के अधिकतर एटीएम खाली रहे, सरकारी बैंकों के एटीएम से केवल 2000 रुपये के नोट निकल रहे थे. कैश की कमी से कई वेतन धारी 24,000 रुपये बैंकों से नहीं निकाल सके. बैंक प्रबंधन की ओर से कैश मैनेज करने के चक्कर में ग्राहक को 6000 से 8000 रुपये तक ही दे रहे थे.
गिनती के एटीएम से ही रुपये की कुछ घंटे हुई निकासी : नकदी की कमी दूर होने का नाम नहीं ले रहा है. यह स्थिति आरबीआइ से नोट नहीं मिलने के चलते बनी है. शुक्रवार को एटीमए के बाहर नो कैश के बोर्ड दिनभर लटके रहे. कैश निकाले की उम्मीद से एटीएम खुलने से पहले ही एटीएम के बाहर लाइन में लग गये थे, लेकिन एटीएम खुलते ही लगा नो कैश का बोर्ड लोगों की उदासी को और गहरा कर दिया. शहर के कुछ एटीएम को छोड़ अधिकतर बैंकों के एटीएम में कैश नहीं होने से निकासी नहीं हुआ. स्टेट बैंक और एक्सिस बैंक की कुछ एटीएम से रुपये की निकासी हुई. इन बैंकों के एटीएम के बाहर सुबह से ग्राहकों की शाम तक कतार लगी रही. कुल मिला स्थिति यह रही कि गिनती के एटीएम से कुछ घंटों तक ही निकासी हो सकी. केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी एटीएम आदि से रुपयों निकलने की उम्मीद लेकर लोग पहुंच रहे थे, मगर निराशा के सिवाय कुछ हाथ नहीं लगा. स्टेशन परिसर के एसबीआइ एटीएम से रुपये की निकासी की उम्मीद में लोग पहुंचते रहे, मगर रुपये की निकासी नहीं हो सकी.
बैंकों में भीड़ पहले जैसी नहीं, सामान्य रही. वेतन धारकों को पैसे निकासी को लेकर ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ा. फिर भी कैश की कमी तो है. आरबीआइ से पैसा आ जाये, तो फिर दिक्कत नहीं होगी. 500 के नोट मिले थे, जो खत्म हो चुका है. पर्याप्त छोटे नोट मिल जाये, तो सारी दिक्कतें दूर हो जायेगी.
विनय कुमार, क्षेत्रीय प्रबंधक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भागलपुर