भागलपुर : महाशय ड्योढ़ी बंगाली टोला में रविवार को मां रास काली की धूमधाम से पूजा-अर्चना की गयी. रात्रि में निशा पूजा व पाठा की बली दी गयी और माता को भोग लगाया गया. पूजा बांग्ला विधि-विधान से करायी गयी. प्रात: चार बजे बंगाली टोला घाट में प्रतिमा का विसर्जन भी कर दी गयी. पंडित खोखन आचार्या, दिलीप भट्टाचार्या ने विधि-विधान से पूजन कराया. सामाजिक कार्यकर्ता देवाशीष बनर्जी ने बताया कि यहां 150 वर्षों से यह पूजा हो रही है. मां रास काली की पूजा की मान्यता है
कि राधा के परिवार वाले मां काली के भक्त थे. राधा-कृष्ण रास लीला रचा रहे थे. जब उनके परिवार वाले को मालूम हुआ तो वह गुस्से से ढूंढने निकले. भगवान कृष्ण ने यह जानकर पहले ही माता काली का रूप धारण कर लिया. उसी समय से रास काली मां की पूजा शुरू हो गयी. बिहार के कुछ स्थानों पर भी रास काली की पूजा-अर्चना होती है. पूजन कार्य में तुषार कांति सिन्हा, देवाशीष बनर्जी, पार्षद काकुली बनर्जी आदि का विशेष योगदान रहा.