भागलपुर : गंगा घाटों पर मछली पकड़नेवाले जाल लगे होने के कारण छठ पर्व में व्रतियों को बड़ी परेशानी होगी. इसमें उलझ कर लोग गिर सकते हैं और अप्रिय घटना हो सकती है. इसे लेकर मंगलवार को वन विभाग के अधिकारी गंगा में जाल की खोज में निकले. जगह-जगह लगे 40 जाल की बरामदगी हुई. गंगा में सिर्फ इतना ही नहीं, हजारों जाल लगे हुए हैं. गंगा में कई स्थानों पर लंबे-लंबे बांस के दर्जनों खंभे गाड़कर जाल लगाये गये हैं. इसके कारण सारी गंदगी फंस कर घाटों के समीप पानी को भी गंदा कर दिया है.
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गंगा घाट पर जाल का संकट, खतरे में डॉल्फिन
भागलपुर : गंगा घाटों पर मछली पकड़नेवाले जाल लगे होने के कारण छठ पर्व में व्रतियों को बड़ी परेशानी होगी. इसमें उलझ कर लोग गिर सकते हैं और अप्रिय घटना हो सकती है. इसे लेकर मंगलवार को वन विभाग के अधिकारी गंगा में जाल की खोज में निकले. जगह-जगह लगे 40 जाल की बरामदगी हुई. […]
उल्लेखनीय है कि गंगा में सुलतानगंज से कहलगांव तक डॉल्फिन अभयारण्य होने के कारण जाल लगाना कानूनी रूप से मना है. जाल लगाने से डॉल्फिन उसमें उलझ जाती है और उसकी मौत हो जाती है. बावजूद इसके जगह-जगह मछवारे बेखौफ होकर जाल लगाते और मछली मारते हैं.
जाल में फंसी थी डीएम की बोट. जिलाधिकारी के नेतृत्व में सोमवार को अधिकारियों की टीम छठ घाटों का निरीक्षण एसडीआरएफ की बोट से की थी. इसमें तकरीबन 13 जगहों पर बोट की पंखी में जाल उलझ गया और पंखी घुमना बंद हो गया. बार-बार गंगा में जाल मिलता हुआ देख जिलाधिकारी ने वन विभाग के अधिकारी की क्लास ली. इसके बाद वन विभाग हरकत में आया और जाल की तलाशी में निकले.
नाथनगर के सुधीर साह पर होगा
केस. वन विभाग के रेंज ऑफिसर ब्रज किशोर सिंह ने बताया कि 40 बड़ी-छोटी मच्छरदानी और करंट जाल बरामद किये गये हैं. जाल में फंसी मछलियां भी मिली, जिसे गंगा में छोड़ दी गयी. डीएफओ संजय कुमार सिन्हा के निर्देश पर यह अभियान चलाया गया. वन विभाग की टीम को स्थानीय लोगों ने बताया कि नाथनगर के कोई सुधीर साह नाम के व्यक्ति इलाके के कई मछवारे से गंगा में जाल लगवाते हैं. श्री सिंह ने बताया कि साह के विरुद्ध सीजेएम के कोर्ट में गुरुवार को मामला दर्ज कराया जायेगा. अभियान में बरारी व नाथनगर पुलिस ने भी सहयोग किया.
गंगा में जाल हटाती एसडीआरएफ की टीम.
एसडीआरएफ टीम को भी मिले जाल
मंगलवार को एसडीआरएफ की टीम एक बार फिर गंगा में जाल ढूंढ़ने निकली थी. एसडीआरएफ के कंपनी कमांडर गणेशजी ओझा ने बताया कि चंपानाला, भूतनाथ मंदिर और बूढ़ानाथ के पास बड़े-बड़े 13 जाल लगे हुए थे. इनमें छह निकाल दिया है. सात जाल को बुधवार को निकाला जायेगा. उन्होंने बताया कि जाल नहीं हटाये गये,
तो छठ के दौरान श्रद्धालुओं को भी गंदे पानी में उतरने में मुश्किल होगी. दरअसल एसडीआरएफ की टीम को छठ के दौरान गंगा में रेस्क्यू करना है. इस दौरान उनकी मोटर बोट लगातार गंगा में चलती रहेगी. जाल लगे होने से निर्धारित समय पर घटनास्थल पर टीम को पहुंचने में दिक्कत होगी.
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