आरती के घर कोई मेहमान भी पहुंचता था, तो मामला पता करने सूत्र भेज देता था पिंटू
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जांच पड़ताल करती पुलिस, आरती की फाइल फोटो व मौके से बरामद गोली का खोखा.
आरती के घर कोई मेहमान भी पहुंचता था, तो मामला पता करने सूत्र भेज देता था पिंटू हथियार के बल पर लड़की को उठा कर ले जाने पहुंचा था भागलपुर : रत्तीपुर बैरिया गांव में बुधवार को तीन गोली मार कर 14 साल की आरती कुमारी की हत्या ने लोगों को झकझाेर दिया. घटना के […]
हथियार के बल पर लड़की को उठा कर ले जाने पहुंचा था
भागलपुर : रत्तीपुर बैरिया गांव में बुधवार को तीन गोली मार कर 14 साल की आरती कुमारी की हत्या ने लोगों को झकझाेर दिया. घटना के बाद गांव में हर की जुबान पर आरती की हत्या के पीछे की कहानी थी. गांव का 16 साल का पिंटू नहीं चाहता था कि जिस आरती कुमारी से वह मुहब्बत करता है, वह किसी और की हो जाये. इस कारण आरती के घर कोई मेहमान भी आते, तो पिंटू अपने किसी भेदिया को आरती के घर भेज कर यह पता कर कंफर्म हो लेता था कि मेहमान किसी और काम के लिए आया है. उसे हमेशा इस बात का शक रहता था कि कहीं कोई लड़का वाला आरती को देखने या रिश्ता तय करने तो नहीं पहुंचा है.
पिंटू मन ही मन आरती से मुहब्बत कर बैठा था. उसके नजदीक आने के लिए वह आरती के घर से संपर्क बढ़ाने लगा. धीरे-धीरे उसके घर आने-जाने लगा. बड़े ही मासूम तरीके से वह आरती के मां-पिता के दिल में जगह बना ली और आरती के करीब पहुंच गया. उसके मां-पिता को यह भनक तक नहीं लग पायी कि पिंटू और आरती के बीच में कुछ पक रहा है. इस वर्ष एक दिन उसने आरती का अपहरण कर लिया. उसे लेकर बाहर चला गया.
जब आरती ने दी पिता को सूचना. अपहरण के बाद पिंटू कभी आरती को उसके मां-पिता से मोबाइल पर बात करने नहीं देता था. इस दौरान आरती को मौका मिला और उसने पिता को मोबाइल से सूचना दी कि दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर उसे एक खोली में पिंटू रखा है. आरती के पिता हरि यादव के पास इतना धन नहीं था कि वह दिल्ली जाकर बेटी की तलाश कर सके.
भैंस बेच कर बेटी को ढूंढ़ लाया. हरि यादव को जब बेटी ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के समीप एक खोली में रखने की सूचना दी, तो उन्होंने परिवार के बीच यह बात रखी. आरती की मां बेचैन थी. बेटी को किसी भी परिस्थिति में लाने का वह पति पर दबाव बनाने लगी. आखिरकार दोनों भैंस बेच कर 50 हजार रुपये इकट्ठा किया और दिल्ली प्रस्थान कर गये. बेटी को ढूंढ़ कर घर ले आये.
आरती के पिता पड़े बीमार, मौका मिल गया पिंटू को. गांव वालों ने बताया कि आरती के पिता हरि यादव बीमार हो गये हैं और मायागंज अस्पताल में भरती हैं. इस दौरान आरती के करीब पहुंचने की पिंटू की हिम्मत बढ़ गयी. हथियार के साथ वह सीधे आरती के कमरे में दाखिल हुआ और उसे अपने साथ चलने को कहा. आरती ने साफ इनकार कर दिया. इस पर उसने गोली चला दी, जो आरती के हाथ में लगी. आरती भागने लगी, तो उसके पीछे पिंटू भी बाहर आया और दूसरी गोली उसके सीने में उतार दी. पिंटू का इससे भी मन नहीं भरा, तो कनपटी में तीसरी गोली दाग दी. आरती वहीं पर दम तोड़ दी.
आरती को न पाकर बौखला गया था पिंटू
दिल्ली से घर लाने के बाद आरती को उसके पिता ने घर में बंद कर दिया और हिदायत दे दी कि वह किसी भी परिस्थिति में घर से बाहर नहीं जा सकती है. आरती अपने पिता की बात मान ली. पिंटू भी गांव लौट चुका था और हमेशा आरती से मिलने का जुगाड़ तलाशने लगा, लेकिन आरती के पिता की सख्ती के आगे उसकी एक नहीं चल पा रही थी.
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