भागलपुर/ कहलगांव : कहलगांव के प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के नजदीक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय दोबारा जमीन का ब्योरा मांग रही है. मामले में डीएम आदेश तितरमारे ने कहा कि दो बार तो जमीन के बारे में जवाब दे दिया. अब तो वे जमीन अधिग्रहण को लेकर पैसा मांग रहे हैं. अगर जमीन का पैसा भेज दिया जाये तो आगे की कार्रवाई शुरू करें. जितनी जमीन की आवश्यकता यानी 500 एकड़ का विशाल भूखंड सरकारी तौर पर उपलब्ध नहीं है. इस बारे में पहले ही मंत्रालय को कह दिया गया. निजी जमीन के ही अधिग्रहण का एक मात्र विकल्प है,
जो केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए उठाना होगा. दूसरी तरफ कहलगांव में विक्रमशिला केन्द्रीय विश्वविद्याालय की स्थापना के लिए भू–अर्जन निदेशक के पत्र पर अनुमंडल में हलचल बढ़ गयी है. कहा गया कि अगर सरकारी जमीन उपलब्ध नहीं हो, तो उसकी भी जानकारी भेजी जाये. साथ ही रैयती भूमि के अधिग्रहण की संभावना पर भी शीघ्र अवगत करायें. रैयती भूमि के दो–तीन संभावित वैकल्पिक स्थलों का चयन कर सूचित करने को कहा गया है. इससे पहले भी कहलगांव के अंतीचक, नन्दगोला और सिंहलबैता राजस्व मौजा में 500 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी थी.