विवि की 22 बीघा जमीन का मामला
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टीएमबीयू गंभीर, अंचल कार्यालय ने शुरू की जांच
विवि की 22 बीघा जमीन का मामला विश्वविद्यालय को रांची के अनीश मोहन ने सौंपा था आवेदन कहा था उनके पूर्वजों की है जमीन विवि प्रशासन का है कहना, भू-अर्जन विभाग ने 1960 में दी थी जमीन भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की जमीन कुछ लोगों द्वारा अपने नाम करने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन […]
विश्वविद्यालय को रांची के अनीश मोहन ने सौंपा था आवेदन कहा था उनके पूर्वजों की है जमीन
विवि प्रशासन का है कहना, भू-अर्जन विभाग ने 1960 में
दी थी जमीन
भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की जमीन कुछ लोगों द्वारा अपने नाम करने के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर है. विश्वविद्यालय प्रशासन पूर्व से ही इस मामले की जांच अंदर ही अंदर कर रहा था. लेकिन मंगलवार को प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद विश्वविद्यालय हरकत में आ गया. विवि के प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास ने अपने कार्यालय में नाथनगर के अंचल पदाधिकारी के साथ बैठक की.
टीएमबीयू गंभीर, अंचल…
प्रोक्टर ने अंचल पदाधिकारी से यथाशीघ्र विवि के 22 बीघे के भूखंड की ताजा स्थिति की जानकारी मांगी. यह भी जानकारी मांगी कि क्या किसी ने उक्त जमीन पर अपने नाम से लगान रसीद कटा ली है. प्रोक्टर डॉ रविदास ने बताया कि वर्ष 1960 से 2014 तक विवि ने उक्त जमीन की लगान रसीद कटायी है. अंचल पदाधिकारी की रिपोर्ट मिलने के बाद विश्वविद्यालय कोई कार्रवाई करेगा.
विवि के प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास ने अपने कार्यालय में नाथनगर के सीओ के साथ बैठक की
फर्जीवाड़ा हुआ होगा तो जायेंगे कोर्ट
डॉ रविदास ने स्पष्ट किया कि अगर किसी ने फर्जी तरीके से रसीद कटा ली होगी, तो डीसीएलआर कोर्ट, डीएम कोर्ट, सिविल कोर्ट से लेकर हाइकोर्ट तक विश्वविद्यालय जाने को तैयार है. जो सच है, उसे लाख चाह कर भी कोई झुठला नहीं सकता.
आवेदन मिलने के बाद विवि ने शुरू की थी जांच-पड़ताल
टीएमबीयू की सेंट जोसफ स्कूल के पास एक भूखंड पर अपने मालिकाना हक होने का दावा अनीश मोहन नाम के व्यक्ति ने इसी वर्ष 25 जनवरी को किया था. उन्होंने विवि को आवेदन सौंप कर कहा था कि वह जमीन उनके पूर्वजों की है. तब से विवि में यह मामला अंदर ही अंदर सुलग रहा था. जांच-पड़ताल की जाने लगी. विवि ने अपनी फाइल खंगालनी शुरू की. नाथनगर अंचल कार्यालय की खाक छानी जाने लगी. इस जांच-पड़ताल में विवि आश्वस्त हो गया कि उक्त जमीन विवि की है. लेकिन एक पेच अभी तक सुलझ नहीं पाया है कि अगर इस जमीन पर किसी ने लगान रसीद कटा ली है,
तो उसका आधार क्या है. विवि के कुलानुशासक डॉ विलक्षण रविदास ने मंगलवार को बताया कि उक्त जमीन विवि की है. उन्होंने बताया कि रांची के रहनेवाले अमरेंद्र नारायण चौधरी व जीवेंद्र नारायण चौधरी दोनों भाई हैं. जीवेंद्र नारायण चौधरी के पुत्र हैं अनीश मोहन, जिन्होंने विवि को आवेदन सौंप कर दावा किया था कि उक्त भूखंड उनका है.
प्रोक्टर ने आवेदन देने के लिए बुलाया था. मुझे आवेदन मिल चुका है. जमीन की जांच के लिए आवेदन दी गयी है. बुधवार को जांच रिपोर्ट मिल जानी चाहिए.
सुशील कुमार, अंचलाधिकारी, नाथनगर
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