हत्यारोपित को बाढ़ के पानी में चार किमी तक खदेड़ कर पकड़ा कहलगांव : गत फरवरी में नारायणपुर गांव स्थित आम-अमरूद के बगीचे में दुर्गापुर की पापिया डे और उसकी बेटी सोनी उर्फ अस्मिता की हत्या की भी गुत्थी एसडीपीओ ने सुलझा लेने का दावा किया है. हालांकि इस दोहरे हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त खुटहरी […]
हत्यारोपित को बाढ़ के पानी में चार किमी तक खदेड़ कर पकड़ा
कहलगांव : गत फरवरी में नारायणपुर गांव स्थित आम-अमरूद के बगीचे में दुर्गापुर की पापिया डे और उसकी बेटी सोनी उर्फ अस्मिता की हत्या की भी गुत्थी एसडीपीओ ने सुलझा लेने का दावा किया है. हालांकि इस दोहरे हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त खुटहरी निवासी प्रमोद यादव और उसका मित्र उदय मंडल पुलिस के गिरफ्त से अब भी बाहर है. हत्याकांड की मुख्य वजह स्काॅर्पिओ (एचआर-17 ए-2020) पुलिस ने बरामद कर लिया है.
प्रेम, पैसा और धोखा की है कहानी
इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाला हत्यारा प्रमोद मंडल दुर्गापुर में किसी साहब की गाड़ी चलाता था. प्रमोद ने एक दिन दुर्गापुर में पापीया डे को लिफ्ट देकर उसके घर पहुंचाया. यहीं से दोनों के बीच पहले दोस्ती हुई, फिर प्यार हुआ और फिर लेनदेन.
पापीया ने प्रमोद को स्कॉर्पियो खरीदने को दिये थे 1.70 लाख : पापीया डे ने प्यार व झांसे में आकर प्रमोद को पुरानी स्काॅर्पियो खरीदने के लिए एक लाख 70 हजार रुपये अपने पति से छिपा कर अपने गहने बेच कर दे दिये. प्रमोद ने हरियाणा जाकर स्काॅर्पियो भी खरीदी. कुछ दिन बाद ही प्रमोद स्काॅर्पियो लेकर दुर्गापुर से फरार हो गया.
प्रमोद को गायब देख पापीया ने अपने पति को सारी बात बतायी. फिर वह प्रमोद से पैसे मांगने बार-बार कहलगांव आने लगी. प्रमोद पापीया को सब्जबाग़ दिखा कहलगांव में होटलबाजी कराता और दुर्गापुर भेज देता.
अंतिम बार 14 फरवरी को मां-बेटी पहुंची थे पैसे मांगने : पापीया अपनी बेटी सोनी के साथ 14 फरवरी को भी कहलगांव पैसे मांगने पहुंची. प्रमोद मां-बेटी को खुटहरी स्थित अपने घर ले गया, जहां उनकी हत्या कर शव आम के बगीचे में दफना दिया.
हत्या के 11 दिन बाद मिला था बेटी का शव, चार मार्च को मिली मां की लाश
हत्या के 11 दिन बाद 26 फरवरी को आम के बगीचे में पापीया की बेटी सोनी की सड़ी-गली लाश बरामद हुई. कुछ दिन बाद चार मार्च को पापीया की भी सड़ी-गली अवस्था में लाश मिली. हत्या की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को घटना स्थल से बरामद साड़ी,चप्पल, बैग व रेलवे टिकट मददगार साबित हुआ.