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थाना जाने से पूर्व पुलिस पिटाई से मौत का आरोप, 20 मिनट में कैसे बदल गया बयान

भागलपुर : लोदीपुर थाना क्षेत्र के गरहोतिया के रहनेवाले मो गुलजार की मंगलवार को मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गयी. गुलजार की मौत के बाद अस्पताल में मौजूद उसकी पत्नी बीबी नासेहा ने बताया कि उसका पति पुलिस की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो गया था जिससे उसकी मौत […]

भागलपुर : लोदीपुर थाना क्षेत्र के गरहोतिया के रहनेवाले मो गुलजार की मंगलवार को मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच में इलाज के दौरान मौत हो गयी. गुलजार की मौत के बाद अस्पताल में मौजूद उसकी पत्नी बीबी नासेहा ने बताया कि उसका पति पुलिस की पिटाई से गंभीर रूप से घायल हो गया था जिससे उसकी मौत हो गयी. अस्पताल में मौजूद गुलजार के परिजन और अन्य लोगों ने भी पुलिस पर ऐसा ही आरोप लगाया. लेकिन पुलिस के समक्ष जब बयान देने की

थाना जाने से…
बारी आयी तो बीबी नासेहा ने पति की मौत का कारण दौड़ते हुए गिर जाने को बताया. बीबी नासेहा की सोच और बयान में यह अंतर सिर्फ बीस मिनट के अंदर आ गया. सवाल है कि एक पत्नी अपने पति की मौत के कारण को इतनी जल्दी बदलने पर क्यों मजबूर हुई.
बयान के समय सभी को वहां से क्यों हटा दिया गया
गुलजार की पत्नी बीबी नासेहा से अस्पताल परिसर में बयान नहीं लिया गया. जबकि अस्ताल में मौत के बाद मृतक के परिजनों का बयान अस्पताल परिसर में ही पुलिस के समक्ष दर्ज किया जाता है. बीबी नासेहा का बयान बरारी थाना में दर्ज किया गया. बयान दर्ज कराने के दौरान लोदीपुर इंस्पेक्टर, गोराडीह सीओ सत्यनारायण पासवान और लोदीपुर से आये गणमान्य लोग ही मौजूद थे. बीबी नासेहा के बारे में बताया गया कि वह अनपढ़ है. वह खुद बयान पढ़ भी नहीं सकती.
क्या है मामला : 20 जुलाई को गोराडीह के पिथना में बगीचे में जुआ खेले जाने की सूचना पर लोदीपुर पुलिस ने छापेमारी की. अमरूद के बगीचे में पुलिस की छापेमारी होने पर जुआरी वहां से भाग गये. गुलजार के परिजनों का कहना है कि वह उसी अमरूद बगीचे की रखवाली करता था.
गुलजार के परिजनों ने बताया कि पुलिस ने उसे भी जुआरी मानकर उसकी पिटाई कर दी. सिपाही ने बंदूक के कुंदे से उसे पीटा जिससे उसकी गरदन टूट गयी. गुलजार के घायल होने के बाद वहां के लोग लोदीपुर थाना पहुंचे. गुलजार के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने उसे इलाज के लिए मायागंज स्थित सरकारी अस्पताल न भेज कर वंशीटीकर स्थित एक निजी अस्पताल में भेज दिया और उसके इलाज के लिए तत्काल 35 हजार दिये.
वहां उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो उसे पटना स्थित आइजीआइएमएस रेफर किया गया. गुलजार के परिजन बताते हैं कि पटना जाते समय भी पुलिस ने आठ हजार रुपये दिये जबकि वहां कुल 33 हजार खर्च हुए. पैसे खत्म होने पर एक अगस्त को गुलजार को मायागंज में भरती करा दिया गया. दो अगस्त को उसकी मौत हो गयी. लोदीपुर पुलिस का कहना है कि गुलजार की मौत पुलिस की पिटाई से नहीं हुई है. पुलिस का कहना है कि जुआ को लेकर पुलिस की छापेमारी के दौरान गुलजार भागने लगा. भागने के दौरान वह गिर गया और घायल हो गया.
गुलजार की मौत के बाद उठ रहे सवाल
मो गुलजार की पत्नी ने कुछ ही देर में अपना बयान क्यों बदल दिया
गुलजार की पत्नी को मुआवजा का लालच दिया गया या पुलिस के खिलाफ बयान देने पर फंसने को लेकर दबाव बनाया गया
अगर गुलजार जुआ खेल रहा था और पुलिस के डर से भागा तो उसके इलाज के लिए लोदीपुर पुलिस ने 43 हजार कैसे दे दिये
गुलजार के परिजनों का कहना है कि वंशीटीकर में इलाज के दौरान 35 हजार और पटना जाने के समय पुलिस ने आठ हजार दिये, ऐसा क्यों
गुलजार के घायल होने के बाद उसे इलाज के लिए मायागंज न भेज कर वंशीटीकर स्थित निजी अस्पताल क्यों भेजा गया
गुलजार को इलाज के दौरान कोई देखने नहीं आया, उसकी मौत के बाद लोदीपुर के गणमान्य लोग कैसे पहुंच गये, ऐसा कहीं मामले को दबाने के लिए तो नहीं किया गया
लोदीपुर स्थित गरहोतिया निवासी मो गुलजार की मंगलवार को हो गयी मौत
गुलजार के परिजनों ने उसकी मौत का कारण पुलिस की पिटाई बताया
अस्पताल में पुलिस पर आरोप लगाने के बाद बयान देते समय गुलजार की पत्नी बीबी नासेहा का बदल गया बयान
पुलिस के समक्ष बीबी नासेहा ने गुलजार
की मौत का कारण गिरना बताया
लोदीपुर स्थित गरहोतिया निवासी मो गुलजार की मंगलवार को हो गयी मौत
पुलिस की रेड होने पर जुआ खेलने वाले भागने लगे. गुलजार भी पुलिस की रेड से डर का भाग रहा था जिससे वह गिर गया और वह घायल हो गया था. उसकी पत्नी ने भी पुलिस को यही बयान दिया है.
मनोज कुमार, एसएसपी

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