कहलगांव : गंगा के जलस्तर में तेजी से हुई वृद्धि के कारण मंगलवार की देर रात भैना डायवर्सन ने जलसमाधि ले ली. डायवर्सन पर अभी चार फीट पानी बह रहा है. झारखंड के पहाड़ों से वर्षा का पानी उतरने का सिलसिला लगातार जारी है. इधर खतरा को देखते हुए अनुमंडल प्रशासन ने डायवर्सन के दोनों ओर बांस का बैरियर लगा दिया है
और खतरे का निशान लगा दिया है. निगरानी के लिए कहलगांव के अंचल निरीक्षक प्रमोद कुमार सिंह को बतौर दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही कहलगांव थाना को यहां पुलिस पदाधिकारी व जवानों को तैनात करने का भी आदेश जारी किया गया है.
एनएच पर लगा जाम : डायवर्सन डूबने के बाद बुधवार की सुबह एनएच-80 पर गिट्टी लदे ट्रकों का जाम लग गया. दोपहर बाद ट्रक रूट बदल कर निकले.
भैना डायवर्सन पर…
इसके बाद स्थिति सामान्य हुई. वहीं छर्री-गिट्टी लदे ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त भैना स्क्रू पाइल पुल पर धड़ल्ल्ले से दौड़ने लगे हैं. इससे पुल को खतरा उत्पन्न हो गया है. रात के अंधेरे में गिट्टी लदे ट्रकों को भी पार कराया जा सकता है. क्योंकि इस तरह की स्थिति पिछले साल भी उत्पन्न हुई थी. इससे बचाने के लिए यहां पुलिस तैनात करने की जरूरत है. फिलहाल अनुमंडल प्रशासन के आदेश पर दो चौकीदारों को यहां तैनात किया गया है.
गंगा में उफान, बढ़ रहा कटाव का दायरा : केंद्रीय जल आयोग गेज व बेतार स्थल कहलगांव की रिपोर्ट के अनुसार बुधवार की शाम गंगा का जलस्तर 28.76 मीटर रहा. उफनाई गंगा के कारण कटाव का दायरा बढ़ता जा रहा है. शहर स्थित प्रमुख स्नान घाट राज घाट की चार सीढ़ी बुधवार को डूब गयी.
मंगलवार को इस घाट की कुल 28 में से 10 सीढ़ी गंगा में समा चुकी थी. अब तक यहां की 14 सीढ़ियां डूब चुकी हैं. शहर स्थित काली घाट, चारो धाम घाट, सती घाट, श्मशान घाट के डूबने का सिलसिला जारी है. कहलगांव में गंगा की चेतावनी का जलस्तर 31.090 मीटर और खतरे का निशान 32.090 है. इधर अनुमंडल प्रशासन ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित इलाके पर प्रशासन की पैनी नजर है. प्रभावित इलाके की पल-पल की खबर ली जा रही है. खतरे की किसी भी स्थिति से निबटने के लिए हम तैयार हैं.
अनुमंडल प्रशासन ने लगाया बैरियर व खतरे का निशान
क्षतिग्रस्त भैना पुल पर बढ़ा दबाव
एनएच-80 पर चलने वाले ट्रकों ने बदला रूट
डूबे भैना डायवर्सन से गुजरता ट्रक.
इधर सूबे की नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी
पटना उत्तराखंड व नेपाल में बारिश के कारण प्रदेश में गंगा और इसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. पटना में गंगा का जल स्तर पिछले सात दिनों में दो मीटर बढ़ा है, जबकि 24 घंटे में 25.2 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. घघरा, बागमती, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक के जल स्तर में भी
इधर प्रदशे में…
लगातार वृद्धि हो रही है. हालांकि, राहत की बात है कि सभी नदियां अब भी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं. लेकिन, कोसी का जल स्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए 48 घंटे में इसके खतरे का निशान पार कर जाने की आशंका जतायी गयी है.