भागलपुर: काजीचक की जमीन पर सांसद भूदेव चौधरी की पत्नी इंद्राणी चौधरी को दखल कब्जा दिलाने के मामले प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम द्वारा मांगी रिपोर्ट पर शुक्रवार को डीसीएलआर सुबीर रंजन ने अपना जवाब समर्पित कर दिया है.
अपने जवाब में डीसीएलआर ने आदेश पर समय से पूर्व अमल के लिए जगदीशपुर के अंचलाधिकारी (सीओ) को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा है कि आदेश पर अमल के संबंध में उन्होंने सीओ को कोई निर्देश नहीं दिया था, केवल आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा था.
सांसद भूदेव चौधरी की पत्नी ने काजीचक में अपने नाम रजिस्टर्ड जमीन पर दखल-कब्जा दिलाने के लिए डीसीएलआर कोर्ट में वाद दायर किया था. इस पर फैसला सुनाते हुए डीसीएलआर कोर्ट ने सात दिसंबर को आदेश पारित कर सीओ को दखल-कब्जा दिलाने का आदेश दिया था. आदेश पारित होने के 22 दिन बाद ही सीओ ने इस पर अमल करते हुए सांसद की पत्नी को दखल-कब्जा दिला दिया था, जबकि इस मामले में भूमि विवाद अधिनियम के तहत दूसरे पक्ष को आयुक्त के कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है और नियमत: अपीलीय समय से पूर्व ही आदेश को क्रियान्वित कर दिया गया. इस पर प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने आदेश पारित करने व अपीलीय समय से पूर्व ही उस पर इंप्लीमेंट कराने के संबंध में डीसीएलआर से जवाब-तलब किया था.
शनिवार को समर्पित जवाब में डीसीएलआर की ओर से कहा गया है कि दखल-कब्जा का आदेश पारित होने के बाद उन्होंने इस पर अमल के लिए सीओ को अलग से कोई निर्देश नहीं दिया था. इस संबंध में प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम ने बताया कि अपने जवाब में डीसीएलआर ने कहा है कि उन्होंने 20 दिसंबर को सीओ को पत्र जरूर लिखा था, लेकिन उसमें कहीं भी आदेश पर अमल का जिक्र नहीं था. पत्र केवल आवश्यक कार्रवाई के लिए लिखा गया था. उन्होंने बताया कि वाद की सुनवाई के दौरान उन्होंने विपक्षी को दो बार नोटिस भी भेजा था. एक बार सीओ के माध्यम से व दूसरी बार रजिस्टर्ड डाक से नोटिस का तामिला कराया गया था, लेकिन विपक्षी के उपस्थित नहीं होने पर ‘एक्स पार्टी’ के आधार पर फैसला सुनाया गया. आयुक्त श्री आलम ने बताया कि फिलहाल जवाब का अध्ययन किया जा रहा है और इसके बाद ही नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.