भागलपुर : सबौर के शिवायडीह में शनिवार को करंट से एक ही परिवार के मां-बेटा सहित भतीजे की मौत हो गयी थी. घटना को लेकर दूसरे दिन रविवार को गांव में सन्नाटा पसरा रहा. गांव वालों को इस बात की आस थी कि उस परिवार का महत्वपूर्ण सदस्य अब तो नहीं रहा, कम से कम […]
भागलपुर : सबौर के शिवायडीह में शनिवार को करंट से एक ही परिवार के मां-बेटा सहित भतीजे की मौत हो गयी थी. घटना को लेकर दूसरे दिन रविवार को गांव में सन्नाटा पसरा रहा. गांव वालों को इस बात की आस थी कि उस परिवार का महत्वपूर्ण सदस्य अब तो नहीं रहा, कम से कम पीड़ित परिजनों को कुछ मुआवजा तो मिल ही जायेगा. लेकिन, एक भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक पदाधिकारी गांव नहीं पहुंचे. रविवार को मृतकों के घर पर लाेगों का तांता लगा रहा.
बता दें कि शनिवार सुबह लगभग 7.15 बजे गांव में करंट से एक ही परिवार के मां-बेटा सहित भतीजे की मौत हो गयी. मरने वालों में मां मीना देवी, बेटा सोनू सिंह और भतीजा मनीष कुमार सिंह शामिल है. ग्रामीण के अनुसार कुंदन कुमार सिंह ने मां व भाई एवं नंदन कुमार सिंह ने मनीष को मुखाग्नि दी है.
ये हैं जिम्मेदार प्रशासनिक पदाधिकारी
फ्रेंचाइजी क्षेत्र में गांव से लेकर शहर तक आपूर्ति लाइन का इंफ्रास्ट्रक्चर जर्जर है. जगह-जगह सड़क से कम ऊंचाई पर तार गुजरा है. एक पोल से दूसरे पोल के बीच गुजरने वाले तार में कई जोड़ है. कहीं घर के ऊपर, तो किसी के घर से सटे हाइटेंशन तार गुजरा है. फ्रेंचाइजी कंपनी तो बेफिक्र है ही, प्रशासनिक पदाधिकारी भी मामले में कम लापरवाह नहीं है. यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी फ्रेंचाइजी क्षेत्र में कई लोग करंट की चपेट में आये हैं और कुछ लोगों की मौत हो चुकी है. मगर किसी पर अबतक कोई कार्रवाई तक नहीं हुई है. वहीं फ्रेंचाइजी कंपनी को बिजली आपूर्ति व्यवस्था के साथ-साथ डिस्ट्रीब्यूयन लाइन के दुरुस्तीकरण व डेवलपमेंट कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. लेकिन न तो डिस्ट्रीब्यूशन लाइन डेवलपमेंट हो सका है और न ही आपूर्ति लाइन दुरुस्त किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पहले जैसी थी, आज भी उसी स्थिति में है.
मामला शिवायडीह में करंट से मां-बेटा सहित भतीजे की मौत का
घटना के दूसरे दिन भी गांव में पसरा रहा मरघटी सन्नाटा
कहते हैं फ्रेंचाइजी कंपनी के टेक्निकल हेड
फ्रेंचाइजी कंपनी के टेक्निकल हेड अमित रंजन का कहना है कि मुआवजे का प्रावधान है, मगर कितनी राशि मिलेगी यह नहीं बता सकेंगे. क्योंकि परिस्थिति के अनुसार मुआवजे की राशि तय की जाती है. उन्होंने बताया कि कई इलाके में तार बदले गये हैं. आगे भी जर्जर तार बदलने का काम चल रहा है. हर महीने जर्जर तार को बदलने की प्लानिंग होती है.
मुआवजे का प्रावधान, मगर कितना मालूम नहीं
बिजली से क्षति पर मुआवजे का प्रावधान तो है, मगर कितनी राशि मिलेगी यह फ्रेंचाइजी कंपनी के अधिकारी तक को नहीं मालूम है. दरअसल, किसी व्यक्ति की मौत करंट की चपेट में आने से होती है, तो उसके परिजन को मुआवजा मिलने का प्रावधान है. यही नहीं, शारीरिक क्षति पर भी एक निश्चित राशि मिलने का प्रावधान है.