भागलपुर: छात्र अंशुराज की विश्वविद्यालय थाने की जीप से ठोकर लगने के बाद हुई मौत के कारण आक्रोशित छात्र, स्थानीय लोग व पुलिस के बीच हुई पत्थरबाजी, लाठीचार्ज व गिरफ्तारी की दहशत अभी भी सराय से साहेबगंज के बीच देखने को मिल रही है. चार दिसंबर को हुई इस घटना के बाद पलायन कर चुके छात्रों में अभी भी बहुत कम छात्र वापस लौटे हैं. लॉज मालिकों में इस तरह की दहशत है कि या तो प्रेस के सामने आने से कतराते हैं या फिर गोलमोल जवाब देकर चुप हो जाते हैं.
विश्वविद्यालय रोड पर पहले जिस तरह छात्रों की भीड़ रहती थी अब नहीं दिखती. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में अभी भी सारे छात्र वापस नहीं लौटे हैं, जबकि अब भय की कोई बात नहीं है.
पुलिस भी अब तंग नहीं करती. पूरा माहौल शांत हो चुका है. जो छात्र आंदोलन के दौरान इस इलाके के लॉजों में रह रहे थे उनमें कई छात्र आंदोलन के दूसरे ही दिन घर चले गये थे. लोगों का कहना था कि यह अनुमान है कि जो छात्र वापस नहीं लौटे, वे शहर के दूसरे इलाके में रह रहे हैं. इसके कारण होटल, कोचिंग, स्टेशनरी दुकान आदि के कारोबार पर भी प्रभाव पड़ा है.