इसमें कहा था कि सभी स्तर पर छात्र-छात्राओं के नामांकन में आवेदन पत्र व प्रमाणपत्रों में माता का नाम नामांकन पंजी में लिखने की व्यवस्था अनिवार्य किया जाना है. सभी प्रकार के प्रमाणपत्र (महाविद्यालय परित्याग प्रमाणपत्र सहित) में भी माता का नाम का उल्लेख करने को कहा था. अगर यह व्यवस्था किसी विश्वविद्यालय ने पूर्व से कर रखी है, तो उन्हें इसकी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा गया था. अगर यह लागू नहीं है, तो लागू कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था. टीएमबीयू द्वारा जारी प्रमाणपत्रों में माता के नाम का उल्लेख नहीं होता है. टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने बताया कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देश का अनुपालन किया जाना तय है. लेकिन विश्वविद्यालय में सत्र विलंब रहने के कारण यह लागू नहीं हो पाया था. इसकी शुरुआत पीजी के 2014-16 सत्र से की जायेगी.
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नये सत्र में डिग्री पर होगा छात्रों की मां का नाम
भागलपुर: विश्वविद्यालयों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं के सर्टिफिकेट पर अब मां के नाम का भी उल्लेख होगा. इसे राज्य सरकार ने पिछले साल अनिवार्य किया था. राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने पिछले वर्ष जनवरी में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया था कि सर्टिफिकेट पर छात्र-छात्राओं की मां नाम […]
भागलपुर: विश्वविद्यालयों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं के सर्टिफिकेट पर अब मां के नाम का भी उल्लेख होगा. इसे राज्य सरकार ने पिछले साल अनिवार्य किया था. राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक ने पिछले वर्ष जनवरी में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को निर्देश दिया था कि सर्टिफिकेट पर छात्र-छात्राओं की मां नाम आवश्यक रूप से लिखना शुरू करें. लेकिन सत्र विलंब होने के कारण तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ऐसा नहीं कर पाया था.
दरअसल मानव संसाधन विकास विभाग, भारत सरकार के दिशा-निर्देश (03 अक्तूबर 2006) व सर्वोच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका (सी) नंबर 576/2014 माधव कांत मिश्र बनाम यूनियन ऑफ इंडिया व अन्य के मामले का उच्च शिक्षा विभाग ने हवाला दिया था.
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